14 वर्ष का वनवास नहीं 30 सालों का कालापानी गुमला के फोरी गांव के फुचा महली ने झेला है. 60 साल के हो चुके फुचा आज दोबारा अपने घर लौटे तो पत्नी लुंदी देवी और बेटे के आंखों से गम और खुशी दोनों के आंसू एक साथ निकल आए. फुचा के परिवार वालों का लंबा इंतजार खत्म हुआ.. और इस इंतजार में उम्मीद का किरण बना प्रभात खबर..प्रभात खबर ने फुचा महली की वापसी की खबर प्रकाशित की और सरकार तक आवाज पहुंचाई… आज, तीस साल बाद फुचा महली घर लौट गए हैं…देखिए पूरी खबर…
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30 साल तक बंधुवा मजदूरी कर लौटे अपनों के पास, प्रभात खबर की पहल ने फुचा को दी नई उम्मीद
14 वर्ष का वनवास नहीं 30 सालों का कालापानी गुमला के फोरी गांव के फुचा महली ने झेला है. 60 साल के हो चुके फुचा आज दोबारा अपने घर लौटे तो पत्नी लुंदी देवी और बेटे के आंखों से गम और खुशी दोनों के आंसू एक साथ निकल आए. फुचा के परिवार वालों का लंबा इंतजार खत्म हुआ..
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