झारखंड में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया. गांव की सरकार बनाने की तैयारी जोरों पर है लेकिन आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कौन चुनाव लड़ सकता है कौन नहीं, एक व्यक्ति कितने पदों पर चुनाव लड़ सकता है. आइये पंचायत चुनाव से जुड़े इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं.
राज्य या केंद्र सरकार के उपक्रमों में कार्यरत व्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकता है. बोर्ड व निगम में कार्यरत व्यक्तियों के भी चुनाव लड़ने पर पाबंदी है. आंगनबाड़ी सेविका, शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियाना, विशेष शिक्षा केंद्रों आदि में मानदेय पर कार्यरत व्यक्ति भी चुनाव में निर्वाचन के अयोग्य माना जायेगा.
इसमें वैसे लोग बाहर हैं यानि चुनाव लड़ सकते हैं,जो कमीशन के आधार पर काम करते हैं. मानकी, मुंडा व डाकुआ के पंचायत चुनाव में उम्मीदवार बनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. सरकारी सहायता प्राप्त नहीं करनेवाले एनजीओं के कार्यकर्ता व दैनिक भत्ता नहीं लेनेवाले होमगार्ड के जवानों को भी उम्मीदवार बनाने की छूट है. किसी भी वार्ड या निर्वाचन क्षेत्र से अभ्यर्थी होने के लिए संबंधित पंचायत क्षेत्र के किसी ग्राम का मतदाता होना जरूरी है.
ग्राम पंचायत सदस्य का उम्मीदवार बनने के लिए उसी ग्राम पंचायत के वार्ड का मतदाता होना जरूरी है. उसका प्रस्तावक भी उसी वार्ड का होना चाहिए. मुखिया पद का प्रत्याशी और उसका प्रस्तावक भी संबंधित ग्राम पंचायत के किसी ग्राम का मतदाता हो सकता है. इसी तरह पंचायत समिति व जिला परिषद के सदस्य के लिए अभ्यर्थी और उसका प्रस्तावित के लिए भी संबंधित निर्वाचन का मतदाता होना आवश्यक है.
पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों का नामांकन प्रखंड कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय के अलावा जिला मुख्यालय में भी होगा. वार्ड सदस्य व मुखिया के लिए संबंधित प्रखंड कार्यालय में नामांकन दाखिल किया जा सकेगा.
वहीं, पंचायत समिति सदस्य के प्रत्याशियों को अनुमंडल कार्यालय जाकर नामांकन भरना होगा. जबकि, जिला परिषद सदस्य का प्रत्याशी बनने के लिए जिला मुख्यालय में नामांकन दाखिल किया जा सकेगा. नामांकन डाक या किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा नहीं किया जा सकता है. नामांकन भरने के लिए स्वयं प्रत्याशी या उसके प्रस्तावक द्वारा निर्वाचन या सहायक निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है.
आयोग ने नामांकन पत्र का शुल्क निर्धारित कियाराज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन पत्र का शुल्क निर्धारित किया है. वार्ड सदस्य प्रत्याशी के लिए 100 रुपये (महिला व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 50 रुपये), मुखिया के लिए 250 रुपये (महिला व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 125 रुपये), पंचायत समिति सदस्य के लिए 250 रुपये (महिला व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 125 रुपये) और जिला परिषद सदस्य के लिए 500 रुपये (महिला व अन्य आरक्षित वर्ग के लिए 250 रुपये) तय किया गया है.
एक से अधिक बार नामांकन भरने के लिए भी एक ही बार राशि जमा कराना पर्याप्त होगा. यहां यह भी खास बात है कि एक व्यक्ति एक साथ एक से अधिक पदों के लिए चुनाव लड़ सकता है. लेकिन, एक से अधिक जगह पर मतदाता सूची में नाम रहने के बावजूद वह एक ही निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकता है. उसे अलग-अलग पद के लिए अलग-अलग शुल्क का भुगतान करते हुए नामांकन भी भरना होगा.
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के विभिन्न पदों के प्रत्याशियों को प्रचार अभियान से संबंधित निर्देश जारी किया है. चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्य का प्रत्याशी अधिकतम 14,000 रुपये, मुखिया प्रत्याशी 85,000 रुपये, पंचायत समिति सदस्य उम्मीदवार 71,000 रुपये और जिला परिषद सदस्य प्रत्याशी 2.14 लाख रुपये ही खर्च कर सकते हैं.
प्रचार के लिए वार्ड सदस्य प्रत्याशी को वाहन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी गयी है. मुखिया और पंचायत समिति सदस्य के प्रत्याशी को प्रचार में दो-दो वाहनों के प्रयोग की छूट होगी. वहीं, जिला परिषद सदस्य चार से अधिक वाहनों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे. वाहनों के उपयोग की अनुमति लेकर वाहन के सामने इसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा.