झारखंड : 10 साल में नहीं बन सका 500 बेड का अस्पताल, 152 करोड़ में से 102 करोड़ हो चुके हैं खर्च
सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां के आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड का हॉस्पिटल अधूरा पड़ा हुआ है. संवेदक को दो साल में हॉस्पिटल का निर्माण कार्य पूर्ण करना था, लेकिन 10 साल में भी हॉस्पिटल बन नहीं पाया है.
सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां के आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड का हॉस्पिटल अधूरा पड़ा हुआ है. संवेदक को दो साल में हॉस्पिटल का निर्माण कार्य पूर्ण करना था, लेकिन 10 साल में भी हॉस्पिटल बन नहीं पाया है. 152 करोड़ की लागत से बन रहे इस हॉस्पिटल के निर्माण कार्य पर अब तक 102 करोड़ निकासी भी हो चुकी है.
परंतु भवन का 70 फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हो सका है. इन 10 वर्षों में हॉस्पिटल की बिल्डिंग का सिर्फ स्ट्रेक्चर ही खड़ा हो सका है. वर्ष 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने अस्पताल का शिलान्यास किया था. निर्माणाधीन 500 बेड का हॉस्पिटल अगर समय रहते बन जाता, तो कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसावां, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम जिला के लोगों के लिए यह वरदान साबित होता. हॉस्पिटल निर्माण का शिलान्यास वर्ष 2011 में किया गया था, लेकिन आज तक पूरा नहीं हो सका.
खरसावां के आमदा में निर्माणाधीन 500 बेड़ हॉस्पिटल को आने वाले वर्षों में मेडिकल कॉलेज में तब्दील करने की योजना थी. इसी को लेकर हॉस्पिटल का कैंपस 25 एकड़ में बनाया जा रहा है. हालांकि, मेडिकल कॉलेज के लिए अभी तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल सकी है. निर्माणाधीन हॉस्पिटल भवन में क्लीनीकल ब्लॉक व ओपीडी 8-8 फ्लोर का है. वार्ड बिल्डिंग में 11 फ्लोर बनाया जा रहा है.
1.25 लाख वर्गफीट में पूरा बिल्डिंग बनाया जा रहा है. स्थानीय झामुमो विधायक दशरथ गागराई ने भी इस अस्पताल को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग को लेकर कई बार विधानसभा में मामला उठा चुके है, पर हर बार इसे पूरा करने को लेकर तारीख पर तारीख दी जाती है. उन्होंने भी अस्पताल का निर्माण कार्य जल्द पूरा कर इसे चालू करने की मांग की है. सांसद प्रतिनिधि अमित केशरी समेत स्थानीय लोगों ने भी इसे जल्द पूरा करने की मांग की है.