हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत होता है. इस साल 10 सितंबर को जितिया है. जितिया को जिउतिया या जीमूत वाहन व्रत के नाम से भी जाना जाता है. जितिया पर माताएं पुत्रों के दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ व्रत करती हैं. दरअसल, जितिया व्रत की कथा महाभारत से जुड़ी है. अश्वत्थामा ने बदले की भावना से उत्तरा के गर्भ में पल रहे पुत्र को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया था. उत्तरा के पुत्र का जन्म लेना जरुरी था. भगवान श्रीकृष्ण ने सभी पुण्यों के फल से शिशु को गर्भ में ही दोबारा जीवन दिया था. गर्भ में मृत्यु को प्राप्त कर फिर से जीवन मिलने के कारण उसका नाम जीवित पुत्रिका रखा गया. आगे चलकर वह बालक राजा परीक्षित के नाम से प्रसिद्ध हुआ.
Jivitputrika Vrat 2020: पुत्र की दीर्घायु के लिए आज माताएं रखीं है जितिया व्रत? जानें पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त
हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत होता है. इस साल दस सितंबर को जितिया है. जितिया को जिउतिया या जीमूत वाहन व्रत के नाम से भी जाना जाता है. जितिया पर माताएं पुत्रों के दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ व्रत करती हैं. दरअसल, जितिया व्रत की कथा महाभारत से जुड़ी है. अश्वत्थामा ने बदले की भावना से उत्तरा के गर्भ में पल रहे पुत्र को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया था. उत्तरा के पुत्र का जन्म लेना जरुरी था. भगवान श्रीकृष्ण ने सभी पुण्यों के फल से शिशु को गर्भ में ही दोबारा जीवन दिया था. गर्भ में मृत्यु को प्राप्त कर फिर से जीवन मिलने के कारण उसका नाम जीवित पुत्रिका रखा गया. आगे चलकर वह बालक राजा परीक्षित के नाम से प्रसिद्ध हुआ.
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