बिना ज्वाइनिंग लेटर और डिजिटल पेमेंट के काम कराने पर रोक, नए श्रम कानून में क्या है खास?
केंद्र की मोदी सरकार के तीन प्रमुख श्रम सुधार बिल को राज्यसभा ने पास कर दिया है. इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया और कार्यवाही का भी बहिष्कार किया. जबकि, 25 सितंबर को श्रमिक संगठन चक्का जाम करने वाले हैं. नये श्रम कानून में देश के संगठित और असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए कई नये प्रावधान किए गए हैं. सभी श्रमिकों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा. उनके वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा. साल में एक बार सभी श्रमिकों का हेल्थ चेकअप भी जरूरी होगा. पीएम मोदी ने भी बिल की तारीफ की है. खास बात यह है कि बिल के विरोध में कई श्रमिक संगठन भी हैं. राजनीतिक पार्टियां भी विरोध कर रही हैं. इन सबके बीच बिल में व्यवसायियों के कारोबार को आसान बनाने की व्यवस्था है. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड का निर्माण किया जाएगा. सभी जिलों में ईएसआइसी की सुविधा मिलेगी. अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनी को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी.
केंद्र की मोदी सरकार के तीन प्रमुख श्रम सुधार बिल को राज्यसभा ने पास कर दिया है. इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया और कार्यवाही का भी बहिष्कार किया. जबकि, 25 सितंबर को श्रमिक संगठन चक्का जाम करने वाले हैं. नये श्रम कानून में देश के संगठित और असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए कई नये प्रावधान किए गए हैं. सभी श्रमिकों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा. उनके वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा. साल में एक बार सभी श्रमिकों का हेल्थ चेकअप भी जरूरी होगा. पीएम मोदी ने भी बिल की तारीफ की है. खास बात यह है कि बिल के विरोध में कई श्रमिक संगठन भी हैं. राजनीतिक पार्टियां भी विरोध कर रही हैं. इन सबके बीच बिल में व्यवसायियों के कारोबार को आसान बनाने की व्यवस्था है. असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब 40 करोड़ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड का निर्माण किया जाएगा. सभी जिलों में ईएसआइसी की सुविधा मिलेगी. अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनी को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी.