बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के कई मामलों में सजा काट रहे हैं. लालू यादव की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई है. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (आरसी 47 ए/96) में सजायाफ्ता और मृत अभियुक्तों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोपों की जांच करने और संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है. इस आदेश का सीधा असर लालू यादव पर पड़ेगा.
न्यायालय के इस आदेश से लालू सहित 130 अभियुक्तों के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोपों की जांच होगी. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने अपने आदेश में लिखा है कि चारा घोटाले के इस मामले में सजायाफ्ता और मृत अभियुक्तों द्वारा घोटाले की रकम से अर्जित संपत्ति का पता नहीं लगाया जा सका है.
यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट 2002 में निहित प्रावधानों के तहत जांच का विषय हो सकता है. अगर कानून इस मामले में मनी लाउंड्रिंग के आरोपों की जांच की अनुमति देता है और इडी जांच करना चाहता है, तो इसकी जांच करे.
साथ ही घोटाले के पैसों से अर्जित संपत्ति की पहचान कर उसे जब्त करे. न्यायालय ने सीबीआइ को यह आदेश दिया है कि वह इस मामले में प्राथमिकी, आरोप पत्र की प्रति प्रवर्तन निदेशालय को उपलब्ध कराये ताकि इडी उचित कार्रवाई कर सके. चारा घोटाले से जुड़े इस मामले के पहले चरण में कुल 130 अभियुक्तों के खिलाफ जांच शुरू होगी. इसमें सजायाफ्ता 75 और मृत 55 अभियुक्त शामिल हैं.