Lata Mangeshkar Death Anniversary: अपने गाये गाने क्यों नहीं सुनती थीं लता मंगेशकर? जानिए इसके पीछे की वजह
महान गायिका और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का 6 फरवरी 2022 में निधन हो गया था. उनकी पुण्यतिथि पर फैंस उन्हें याद कर रहे हैं. जिनके गानों की पूरी दुनिया दीवानी थी. वह खुद कभी अपने गानों को सुनना पसंद नहीं करती है.
महान गायिका और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का 6 फरवरी 2022 में निधन हो गया था. उनकी पुण्यतिथि पर फैंस उन्हें याद कर रहे हैं. जिनके गानों की पूरी दुनिया दीवानी थी. वह खुद कभी अपने गानों को सुनना पसंद नहीं करती है. लता मंगेशकर ने एक बार बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए कहा था कि वह अपने गाने नहीं सुनतीं, क्योंकि अगर वह ऐसा करतीं तो उनकी गायकी में सैकड़ों खामियां नजर आतीं. अपने लंबे करियर में लता ने महानतम भारतीय संगीतकारों और संगीत निर्देशकों के साथ काम किया, लेकिन उन्होंने कभी ओपी नैय्यर के साथ काम नहीं किया. लता मंगेशकर ने भारतीय सेना और राष्ट्र को श्रद्धांजलि के रूप में अपना आखिरी गाना ‘सौगंध मुझे इस मिट्टी की’ रिकॉर्ड किया था, जिसे मयूरेश पई ने संगीतबद्ध किया था. इसे 30 मार्च 2019 को रिलीज किया गया था. 1949 में फिल्म महल में लता मंगेशकर के ‘आएगा आनेवाला’ गाने ने उन्हें बेहद जरूरी स्टारडम दिया. हालांकि, जब लता मंगेशकर ने फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश किया तो उन्हें पार्श्व गायिका के रूप में अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि उस समय उनकी आवाज बहुत पतली मानी जाती थी.