झारखंड में शराब की खरीद-बिक्री की सरकारी व्यवस्था विफल हो गयी है. शराब की खरीद-बिक्री का काम ऑनलाइन मोड से मैनुअल पर चला गया है.
ज्यादा मात्रा में शराब की खरीद करनेवाले बार और क्लबों को डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी बंद कर दी गयी है. मनपसंद ब्रांड भी नहीं मिल रहे हैं. उपलब्ध ब्रांडों में भी राशनिंग कर चुनिंदा ब्रांडों की सप्लाई बार और क्लबों को दी जा रही है.
बार और क्लबों को शराब की होलसेल खरीद पर मिलने वाली छूट बंद हो गयी है. झारखंड में लंबे रिसर्च के बाद सरकार ने शराब बेचने की रणनीति तैयार की. शराब बेचने के लिए बेरोजगारों के इंटरव्यू लिये गये, एक मजबूत व्यस्था तैयार करने की कोशिश की गयी लेकिन झारखंड में शराब की खरीद बिक्री की व्यस्था विफल हो रही है.
शराब की खरीद बिक्री को ऑनलाइन से मैनुअल कर दिया गया है. शराब के कुछ ब्रांड ही उपलब्ध है. अब बार और क्लब की होलसेल खरीद पर मिलने वाली छूट भी बंद कर दी गयी है.