जमशेदपुर लोकसभा सीट, जिसे टाटानगर के नाम से भी जाना जाता है. 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में यह सीट अस्तित्व में नहीं थी. 1957 के लोकसभा चुनाव में यह सीट अस्तित्व में आइ. लोकसभा क्षेत्र में आने वाला जिला पूर्वी सिंहभूम को ही टाटानगर के नाम से जाना जाता है. 1907 में टाटा स्टील एंड आयरन कंपनी की स्थापना के साथ ही शहर की नींव पड़ी थी. इस औद्योगिक नगर की स्थापना को पारसी व्यवसायी जमशेदजी नौशेरवान जी टाटा ने की थी. जमशेदपुर सीट पर 2019 के डाटा के अनुसार मतदाताओं की संख्या लगभग 12 लाख थी. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी करीब 23 लाख है. इस सीट पर करीब 44.44 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, वहीं 55 फीसदी आबादी शहरों में रहती है.
इस सीट से बीजेपी छह बार चुनाव जीत चुकी है, जबकि जेएमएम-कांग्रेस का भी व्यापक प्रभाव रहा है. पिछले बार इस सीट से मुकाबला काफी दिलचस्प रहा था. बीजेपी की तरफ से मैदान में विद्युत वरण महतो थे. वहीं, जेएमएम ने मैदान में वर्तमान झारखंड सरकार में सीएम चंपाई सोरेन को उतारा था. इस मुकाबले में चंपाइ सोरेन को हार का मुंह देखना पड़ा था. इस लोकसभा क्षेत्र में 60 प्रतिशत आबादी शहरी और 40 प्रतिशत ग्रामीण है. इस क्षेत्र में कुड़मी, आदिवासी, उड़िया, बंगाली और बिहारी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. वहीं मुस्लिम, छत्तीसगढ़ी, कुशवाहा, यादव जैसे अन्य समुदायों का भी प्रभाव है.