Loksabha election 2024 : झारखंड की राजधानी किसकी? 25 मई को होगा फैसला
राजधानी रांची पर कौन पार्टी करेगी जीत हासिल, इसका फैसला 4 जून को होगा. 25 मई को छठे चरण के लिए रांची सहित 4 लोकसभा में मतदान है.
झरनों का शहर रांची, भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के होम टाउन के नाम से भी मशहूर है. झारखंड की राजधानी और राजनीतिक गतिविधियों का उद्गम स्थल रांची, हमेशा से ही क्रांति का केंद्र रही है, चाहे बात आजादी के समय की हो या फिर झारखंड आंदोलन की हो. वर्तमान में रांची लोकसभा सीट झारखंड की तमाम उन महत्वपूर्ण सीटों की तरह हॉट सीट बनी हुई है, जहां आमने-सामने का मुकाबला देखने को मिल रहा है. यह लोकसभा सीट छह विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी है. इसमें ईचागढ़, सिल्ली, रांची, हटिया, कांके, खिजरी शामिल है. वहीं, इस सीट पर 2014 के आम चुनाव के अनुसार मतदाताओं की कुल संख्या 16.48 लाख थी. इसमें 8.68 लाख पुरुष और 7.79 लाख महिला मतदाता शामिल हैं. इस लोकसभा सीट पर हमेशा से ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती रही है. सबसे पहले 1951 के आम चुनाव में इस लोकसभा सीट पर चुनाव करवाया गया था तो कांग्रेस के अब्दुल इब्राहिम ने जीत दर्ज की थी. 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी मीनू मसानी ने जीत दर्ज की. इसके बाद कांग्रेस के पीके घोष ने लगातार तीन बार इस लोकसभा सीट से जीत का परचम लहराया. 1977 में इस सीट पर एंट्री होती है जनता पार्टी की. रविंद्र वर्मा जीत कर रांची के सांसद बनते हैं. इसके बाद 1980 व 1984 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के शिव प्रसाद साहू को जीत मिली थी. 1989 में इस सीट पर एंट्री होती है सुबोधकांत सहाय की. जनता दल के टिकट पर सुबोधकांत सहाय यह चुनाव जीतते हैं. 1991 में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर अपना खाता खोला था. राम टहल चौधरी चुनाव लड़ते हैं और तीन बार लगातार सांसद बनते हैं. फिर 2004 और 2009 में सुबोधकांत सहाय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं और सांसद बनते हैं. मोदी लहर में राम टहल चौधरी 2014 में यह सीट जीत जाते हैं. वहीं, 2019 में संजय सेठ बीजेपी से लड़ते हुए जीत हासिल करते हैं.