VIDEO: संतालियों के महान धर्मस्थल लुगुबुरु घंटाबाड़ी में उमड़ा जनसैलाब, माथा टेककर धन्य हो रहे श्रद्धालु
संतालियों के महान धर्मस्थल झारखंड के बोकारो जिले के ललपनिया स्थित लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में दो दिवसीय 23वें अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन का भव्य आगाज हो गया है. बोकारो के ललपनिया का इलाका श्रद्धालुओं से गुलजार है. देश-विदेश के श्रद्धालु माथा टेककर धन्य महसूस कर रहे हैं.
संतालियों के महान धर्मस्थल झारखंड के बोकारो जिले के ललपनिया स्थित लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में रविवार से दो दिवसीय 23वें अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन का भव्य आगाज हो गया. बोकारो के ललपनिया का इलाका श्रद्धालुओं से गुलजार है. लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है. असम, मणिपुर, त्रिपुरा, छतीसगढ़, बंगाल, बिहार के अलावा झारखंड के दुमका, जमशेदपुर, रांची, धनबाद, जामताड़ा, लिट्टीपाड़ा, गुमला, लातेहार, सिमडेगा आदि जिलों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जबकि नेपाल से भी श्रद्धालुओं का एक जत्था लुगुबुरु पहुंचा है. इनमें पूर्व सांसद सह नेपाल संविधान सभा के सदस्य मोहन टुडू, संताली विकिपीडिया के संपादक शिबू मुर्मू भी शामिल हैं. नेपाल संविधान सभा के सदस्य सह झापा तीन नंबर आरक्षित सीट से सांसद रहे मोहन टुडू भी महासम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हैं. समिति ने उनका स्वागत किया. पूर्व सांसद टुडू ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि पुरखों के इस महान और विशाल विरासत को देखने, मत्था टेकने और धन्य होने आया हूं. यहां आकर अच्छा लग रहा है. उन्होंने कहा कि नेपाल में संताली कम संख्या में हैं, लेकिन इनके उत्थान और विकास को हमलोग लगे हुए हैं. प्रयासों के बाद कक्षा एक तक ओलचिकी लिपि में पढ़ाई अनिवार्य हुई है. हमारी कोशिश है कि इसे बढ़ाकर कक्षा पांचवीं तक ओलचिकी की पढ़ाई हो. इसे लेकर यहां आने से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त मांगा था. समय भी मिल गया है. यहां से जाते ही इस पर काम करेंगे.