दिल्ली में स्थित इजरायल दूतावास के सामने हुए बम धमाके की जांच अब दुनिया की सबसे तेज तर्रार और ताकतवर खुफिया एजेंसी मोसाद कर सकती है. खबर यह है कि मोसाद के अधिकारी जांच के लिए भारत आ सकते हैं. इजरायल ने भी घटना को आतंकी घटना करार दिया है. बता दे कि 29 तारीख की शाम पांच बजकर पांच मिनट पर इजरायली दूतावास के बाहर एक बम धामाका हुआ. घटना में कोई हताहत तो नहीं हुआ पर आस-पास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गये. इसके बाद से भारत और इजरायल की खुफिया एंजेसियां सक्रिय हो गयी है. जांच में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद भी सहयोग कर रहा है. इजरायल के प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन की सलाह पर साल 1949 में मोसाद की स्थापना की गयी थी. आइये जानते हैं कि की लगभग 7 दशक में मोसाद आखिर कैसे दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी बन गयी और इसकी ताकत क्या है.
MOSSAD क्यों है दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी
दिल्ली में स्थित इजरायल दूतावास के सामने हुए बम धमाके की जांच अब दुनिया की सबसे तेज तर्रार और ताकतवर खुफिया एजेंसी मोसाद कर सकती है. खबर यह है कि मोसाद के अधिकारी जांच के लिए भारत आ सकते हैं. इजरायल ने भी घटना को आतंकी घटना करार दिया है. बता दे कि 29 तारीख की शाम पांच बजकर पांच मिनट पर इजरायली दूतावास के बाहर एक बम धामाका हुआ. घटना में कोई हताहत तो नहीं हुआ पर आस-पास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गये. इसके बाद से भारत और इजरायल की खुफिया एंजेसियां सक्रिय हो गयी है. जांच में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद भी सहयोग कर रहा है. इजरायल के प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन की सलाह पर साल 1949 में मोसाद की स्थापना की गयी थी. आइये जानते हैं कि की लगभग 7 दशक में मोसाद आखिर कैसे दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी बन गयी और इसकी ताकत क्या है.
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