गुमला पुलिस ने भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर 15 लाख के इनामी रवींद्र गंझू व उसके दस्ते को घेरने के लिए गुमला व लोहरदगा के सीमावर्ती जंगल में घेराबंदी शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, 400 से अधिक पुलिसकर्मी व सुरक्षाबल जंगल में घुसे हैं.
अभी भी सुरक्षा बल जंगल में हैं और नक्सलियों की तलाश कर रहे हैं. शाम ढलने के बाद शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन रोककर जंगल में ही जमे हुए हैं. इधर, लोहरदगा जिला के पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगल में शुक्रवार को नक्सलियों द्वारा आईडी ब्लास्ट करने के बाद गुमला जिला की पुलिस अलर्ट हो गयी है.
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ कोबरा बटालियन एवं पुलिस बल के द्वारा लगातार लोहरदगा व गुमला के सीमावर्ती पहाड़ों पर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. चप्पे-चप्पे पर छापेमारी की जा रही है. मालूम हो कि माओवादियों द्वारा बिहड़ जंगलों में खुद को सुरक्षित एवं पुलिस को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से कई जगहों पर जंगल में आइइडी बम बिछाकर छोड़ दिया है.
जिस कारण पुलिस को अभियान चलाने में भी बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हर एक कदम फूंक-फूंक कर जवानों को चलना पड़ रहा है. हालांकि, इस आइइडी से पुलिस को नुकसान पहुंचने के साथ साथ आम ग्रामीणों को भी कई बार आइइडी बम की चपेट आकर नुकसान उठाना पड़ रहा है.
इधर, बिशुनपुर पुलिस द्वारा भी संदिग्ध मार्ग घाघरा व नेतरहाट मुख्य पथ पर राहगीर एवं बड़ी छोटी वाहनों की विस्तृत जांच की जा रही है, ताकि नक्सली किसी भी सूरत में नक्सली क्षेत्र में प्रवेश ना कर सके. यहां तक कि जब पुलिस का दबाव बढ़ता है, तो नक्सली बुलबुल जंगल से निकलकर गुमला या तो फिर लातेहार के बूढ़ा पहाड़ में घुस जाते हैं. इसलिए इसबार पुलिस बुलबुल जंगल में ही नक्सलियों को घेरने में लगी हुई है.
25 फरवरी 2021 को चैनपुर प्रखंड के रोरेद गांव के जंगल में भाकपा माओवादियों ने आइइडी बम ब्लास्ट किया था. जिसमें सीआरपीएफ-218 बटालियन के जवान रॉबिन्स कुमार के दोनों पैर उड़ गया था. हेलीकॉप्टर से घायल को रांची ले जाया गया था.
– 13 जुलाई 2021 को कुरूमगढ़ थाना के केरागानी जंगल में आइइडी ब्लास्ट में जवान विश्वजीत कुंभकार घायल हो गया था. उसे हेलीकॉप्टर से रांची ले जाया गया था. जबकि एक खोजी कुत्ता शहीद हो गया था. शाम को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी.