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बढ़ता खतरा : कोरोना के नये वैरिएंट के साथ- साथ देश में बढ़ रही है बेरोजगारी

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. एक तरफ कोरोना संक्रमण के नये वैरिएंट का खतरा बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ एक बार फिर देश में बेरोजगारी और छोटे और मंझोले व्यार पर संकट मंडराने लगा है. देश में बेरोजगारी दर भी तेजी से बढ़ने लगी है.

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. एक तरफ कोरोना संक्रमण के नये वैरिएंट का खतरा बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ एक बार फिर देश में बेरोजगारी और छोटे और मंझोले व्यार पर संकट मंडराने लगा है. देश में बेरोजगारी दर भी तेजी से बढ़ने लगी है. दिसंबर 2021 में यह बढ़ कर पांच महीने के उच्चस्तर 7.91 प्रतिशत पर पहुंच गई.

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. एक तरफ कोरोना संक्रमण के नये वैरिएंट का खतरा बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ एक बार फिर देश में बेरोजगारी और छोटे और मंझोले व्यार पर संकट मंडराने लगा है. देश में बेरोजगारी दर भी तेजी से बढ़ने लगी है. दिसंबर 2021 में यह बढ़ कर पांच महीने के उच्चस्तर 7.91 प्रतिशत पर पहुंच गई.

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी के ताजा आंकड़ों के अनुसार जहां दिसंबर 2021 में बेरोजगारी की दर 7.91 फीसदी रही वहीं नवंबर महीने में यह सात फीसदी थी। बेरोजगारी का यह आंकड़ा अगस्त 2021 के बाद सर्वाधिक है। उस महीने बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी थी। उससे पहले, बीते जून में यह 9.17 फीसदी थी।

सीएमआईई के डेटा के अनुसार बीते दिसंबर में शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। यह नवंबर, 2021 में 8.21 फीसदी पर थी। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर की बात की जाए तो बीते दिसंबर में यह 7.28 फीसदी थी। अगस्त 2021 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 7.64 फीसदी थी।

बीते दिसंबर महीने के दौरान सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा की रही। वहां की बेरोजगारी दर 34.1 फीसदी रिकार्ड किया गया। महाराष्ट्र में सबसे कम बेरोजगारी दर रही जो कि 3.8 फीसदी थी। बिहार के बेरोजगारी दर की बात की जाए तो वहां यह 16 फीसदी तो झारखंड में 17.3 फीसदी रही। दिल्ली में बेरोजगारी की दर 9.8 फीसदी रिकार्ड की गई।

सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी महेश व्यास के मुताबिक दिसंबर, 2021 में रोजगार बढ़ा है लेकिन नौकरी के इच्छुक लोगों की संख्या उससे अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छा संकेत है क्योंकि श्रम बाजार में सप्लाई अधिक रही। बीते महीने लगभग 83 लाख अतिरिक्त लोग नौकरी की तलाश में थे। हालांकि, 40 लाख नौकरी चाहने वालों को ही रोजगार मिला.

कोरोना का असर छोटे और मंझोले व्यापार पर विशेष तौर पर पड़ता है. कई शहरों में प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया गया है. कोरोना संक्रमण की पुरानी लहर के दौरान प्रवासी मजदूरों के अपने गांव लौटने की तस्वीर अब भी लोगों के जहेन में है. कई लोग एक बार फिर शहर लौटकर काम की तलाश में हैं. ऐसे में कोरोना का बढ़ता खतरा और नये प्रतिबंध उनके लिए भाी परेशानी खड़ी कर सकते हैं

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