भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने में चीन कर सकता है सहयोग
बीजिंग: चीन के एक दैनिक अखबार ने कहा है कि भारत यदि दुनिया के सबसे सघन रेल नेटवर्क एवं उन्नत प्रौद्योगिकी वाले देश चीन के साथ सहयोग करता है तो वह अपनी रेल उन्नयन प्रक्रिया तेज कर सकता है. सरकारी ग्लोबल टाईम्स की आज की खबर है कि देश की जीवन रेखा कही जाने वाली […]
बीजिंग: चीन के एक दैनिक अखबार ने कहा है कि भारत यदि दुनिया के सबसे सघन रेल नेटवर्क एवं उन्नत प्रौद्योगिकी वाले देश चीन के साथ सहयोग करता है तो वह अपनी रेल उन्नयन प्रक्रिया तेज कर सकता है. सरकारी ग्लोबल टाईम्स की आज की खबर है कि देश की जीवन रेखा कही जाने वाली भारतीय रेल देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाती है, वह रोजाना 19000 ट्रेनों के माध्यम से 2.3 करोड यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाती है और 30 लाख टन माल की ढुलाई करती है.
अखबार का कहना है कि चीन की उन्नत प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के निर्माण में उसके अनुभव को देखते हुए उसके साथ सहयोग से भारत जैसे देशों को आगे बढने का छोटा मार्ग मिलेगा. जनवरी में दक्षिण भारत में ट्रेन के पटरी से उतर जाने से कम से कम 36 लोगों की जान चली गयी थी. उससे दो महीने पहले उत्तरी भारत में ट्रेन उतरने की एक दुर्घटना में 150 लोगों की जान चली गयी थी. जीर्ण-शीर्ण बुनियादी ढांचा और घटिया प्रबंधन इन हादसों की मुख्य वजह हैं और इसलिए सरकार ने अगले पांच सालों में रेल नेटवर्क को अद्यतन बनाने के लिए 137 अरब डालर का निवेश करने का संकल्प लिया है.
भारत ने कहा है कि उसे चीन का बराबरी करने के लिए अगले 30 सालों में रेल क्षेत्र में बडा निवेश करने की जरुरत है. बढता ऋण कोई चिंता नहीं होना चाहिए क्योंकि बुनियादी ढांचे के पुनरुद्धार का अभिन्न हिस्सा है.रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में प्रौद्योगिकी एवं मानकों में पश्चिम देशों को पीछा छोडते हुए चीन ने नये उच्च रफ्तार वाले रेल नेटवर्क विकसित किया है