17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Video : आज इस्तीफा दे सकते हैं कोविंद, राष्ट्रपति भवन पहुंचने की राह हुई आसान, स्पष्ट बहुमत की ओर एनडीए

नयी दिल्लीः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद बिहार के गवर्नर डाॅ रामनाथ कोविंद आज अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. डाॅ कोविंद के राष्ट्रपति भवन पहुंचने की राह आसान हो गयी है. ओड़िशा और तेलंगाना के सत्ताधारी दलों बीजू जनता दल और तेलंगाना राष्ट्र […]

नयी दिल्लीः राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद बिहार के गवर्नर डाॅ रामनाथ कोविंद आज अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. डाॅ कोविंद के राष्ट्रपति भवन पहुंचने की राह आसान हो गयी है. ओड़िशा और तेलंगाना के सत्ताधारी दलों बीजू जनता दल और तेलंगाना राष्ट्र समिति ने कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन करके एनडीए की मुश्किलें आसां कर दी हैं.

कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने से पहले एनडीए के पास इलेक्टोरल काॅलेज के 48.93 फीसदी वोट थे, जो अब बढ़ कर 57.85 फीसदी हो गये हैं. यानी डाॅ कोविंद का राष्ट्रपति बनना तय हो गया है.यह भी स्पष्ट हो गया है कि यदि विपक्ष ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा, तो राष्ट्रपति चुनाव महज औपचारिकता होगी.

राष्ट्रपति चुनाव 2017: BJP ने खत्म किया सस्पेंस, बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद को बनाया उम्मीदवार

सोमवार (19 जून, 2017) को कोविंद को अपना प्रत्याशी घोषित करने से पहले तक एनडीए के पास इलेक्टोरल काॅलेज के कुल 10,98,903 वोट में से 5,37,683 वोट थे. उसे जीतने के लिए 5,49,452 मतों की जरूरत थी. इस तरह एनडीए को अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए 11,769 वोट की कमी हो रही थी.

कोविंद को प्रत्याशी घोेषित किये जाने के बाद एनडीए को दो दलों का समर्थन मिला. इससे उसकी यह जरूरत तो पूरी हो ही गयी, यह भी तय हो गया कि कोविंद ही देश के अगले राष्ट्रपति बनेंगे. इतना ही नहीं, अन्नाद्रमुक (5.39 फीसदी), बीजद (2.99 फीसदी), टीआरएस (2.00 फीसदी) और वाइएसआर कांग्रेस (1.53 फीसदी) का समर्थन मिल जाने के बाद भाजपा का वोट प्रतिशत 60.8 फीसदी जा पहुंचा. एनडीए का कुल वोट भी बढ़ कर 6,68,695 हो गया, जो बहुमत से एक लाख से अधिक वोट ज्यादा है.

VIDEO : राष्ट्रपति चुनाव में आम सहमति के सवाल पर नीतीश की तीखी प्रतिक्रिया

हालांकि, विपक्ष ने अपने इरादे जाहिर कर दिये हैं कि उसे कोविंद स्वीकार नहीं हैं, लेकिन उसकी स्थिति बेहद कमजोर होनेवाली है. कांग्रेस पहले से ही बहुत कमजोर स्थिति में है. तटस्थ दल धीरे-धीरे एनडीए के साथ जुड़ रहे हैं. यहां तक कि नीतीश कुमार ने भी संकेत दिये हैं कि वह अपने राज्यपाल को रायसीना हिल भेजने के मदद कर सकते हैं.

वहीं, उत्तर प्रदेश के दो दल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कानपुर में जन्मे दलित नेता डाॅ कोविंद को देश का प्रथम नागरिक बनाये जाने का विरोध करेंगे, इसकी संभावना बहुत कम है. इस बात का संकेत मायावती ने पहले ही दे दिये.

राष्ट्रपति चुनाव होने तक आदित्यनाथ और पर्रिकर की बनी रहेगी सांसदी

यदि जदयू के 1.91 फीसदी, सपा के 2.37 फीसदी और बसपा के 0.86 फीसदी वोट एनडीए के पक्ष में आ जाते हैं, तो उसका वोट प्रतिशत कुल इलेक्टोरल वोट का 65.98 फीसदी हो जायेगा. उसके कुल इलेक्टोरल वोट में भी 51,209 वोट का इजाफा हो जायेगा. यानी उसके कुल वोट 7,19,904 हो जायेंगे. इसके बाद विपक्ष के उम्मीदवार का टिकना मुश्किल होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें