Video : पहली बार देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों उत्तर प्रदेश से

नयी दिल्लीः उत्तर प्रदेश में जन्म लेनेवाले और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल का पद संभाल रहे डाॅ रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना तय हो गया है. डाॅ कोविंद के राष्ट्रपति भवन पहुंचते ही यह पहला मौका होगा, जब देश के दो सर्वोच्च पदों (राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री) पर उत्तर प्रदेश के नेता होंगे. जी हां, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2017 12:43 PM

नयी दिल्लीः उत्तर प्रदेश में जन्म लेनेवाले और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल का पद संभाल रहे डाॅ रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना तय हो गया है. डाॅ कोविंद के राष्ट्रपति भवन पहुंचते ही यह पहला मौका होगा, जब देश के दो सर्वोच्च पदों (राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री) पर उत्तर प्रदेश के नेता होंगे. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. संभवतः यह पहला मौका होगा, जब एक ही राज्य के दो नेता देश के दो सर्वोच्च पदों को सुशोभित किया हो.

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डाॅ कोविंद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया, तो पूरे उत्तर प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गयी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर राज्यपाल तक कई लोगों ने उनकी उम्मीदवारी पर खुशी का इजहार किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यूपी की 22 करोड़ जनता और विशेष तौर से दलित समुदाय के लिए गौरव की बात है.

यूं तो डाॅ कोविंद राष्ट्रीय राजनीति के लिए बहुत जाना-पहचाना नाम नहीं हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी गहरी पैठ रही है. उनकी क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक समय पार्टी डाॅ कोविंद को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ एक दलित चेहरे के तौर पर पेश करना चाहती थी. हालांकि, किन्हीं कारणों से ऐसा हो नहीं सका.

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कानपुर देहात में डेरापुर तहसील के झींझक कस्बे के एक छोटे से गांव परौख के रहनेवाले रामनाथ कोविंद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लॉक के गांव खानपुर से हुई. कानपुर के बीएनएसडी इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की. कानपुर विश्वविद्यालय से बीकॉम और इसके बाद डीएवी लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की. डाॅ कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व किया. अक्तूबर, 2002 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित भी किया.

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कोविंद को 8 अगस्त, 2015 को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया, तो प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका विरोध कर दिया. उनका कहना था यह नियुक्ति उनसे सलाह किये बगैर की गयी. लेकिन, बाद में मुख्यमंत्री कोविंद केकायल हो गये और सोमवार को जब उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, तो नीतीश ने इस पर खुशी का इजहार किया.

फोन करके नीतीश ने डाॅ कोविंद को बधाई भी दी. इस संबंधमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अपनी सरकार में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद से भी कुछबात की. हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि नीतीश ने दोनों नेताअों से क्या बातचीत की. बहरहाल, यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने राज्यपाल को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचाने के लिए उन्हें अपना समर्थन जरूर देंगे.

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