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बौखलाये चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर लगाया ब्रे‍क, भारतीय जवानों पर लगाया ये आरोप

बीजिंग/नयी दिल्‍ली : भारत की ओर से इंडो-अफगान एयर कॉरिडोर पर चीन से तिखी प्रतिक्रिया दी थी. उसके बाद नये हथकंडे अपनाते हुए चीन ने भारत पर कई आरोप लगाने शुरू कर दिये. सोमवार को भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के बीच झड़प के बाद सिक्किम के एक सुदूरवर्ती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2017 5:35 PM

बीजिंग/नयी दिल्‍ली : भारत की ओर से इंडो-अफगान एयर कॉरिडोर पर चीन से तिखी प्रतिक्रिया दी थी. उसके बाद नये हथकंडे अपनाते हुए चीन ने भारत पर कई आरोप लगाने शुरू कर दिये. सोमवार को भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के बीच झड़प के बाद सिक्किम के एक सुदूरवर्ती क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया, जिसके बाद चीन के सैनिकों ने सीमा पर भारत की तरफ के बंकरों को ध्वस्त किया.

इसके उलट चीन ने भारतीय जवानों पर ‘सीमा पार करने’ का आरोप लगाया और उनसे तुरंत वापस लौटने की मांग की. साथ ही चीन ने कहा कि सीमा पर विवाद के कारण उसने कैलाश मानसरोवर जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए नाथू ला दर्रा बंद कर दिया है. चीन ने भारतीय जवानों के सिक्किम क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में घुसने का आरोप लगाते हुए नयी दिल्ली और बीजिंग दोनों जगह भारत के समक्ष कूटनीतिक विरोध भी दर्ज कराया है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘हमने अपने महत्वपूर्ण रुख के बारे में बताने के लिए बीजिंग और नयी दिल्ली में गंभीर विरोध दर्ज कराया है.’ उन्होंने कहा, ‘अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता को बुलंद रखने का हमारा रुख दृढ है. हम उम्मीद करते हैं कि भारत इसी दिशा में चीन के साथ काम कर सकता है तथा अपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाये जो आगे चले गये हैं और चीनी सीमा में घुस गये हैं.’

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चीन ने गत रात कहा था कि उसने सीमा विवाद के मद्देनजर नाथू ला दर्रा के जरिए तिब्बत में प्रवेश करने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्रा पर ‘सुरक्षा कारणों’ से रोक लगा दी है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘चीन, भारत से अनुरोध करता है कि वह सीमा पार करने वाले जवानों को तुरंत वापस बुलाये और इस मामले की विस्तृत जांच कराये.’

उन्होंने कल रात जारी एक बयान में कहा, ‘भारतीय सीमा रक्षक बलों ने चीन-भारत सीमा के सिक्किम क्षेत्र में सीमा पार की और चीन के क्षेत्र में घुस गये तथा उन्होंने हाल ही में सिक्किम में दोंगलांग क्षेत्र में चीनी सीमा बलों की सामान्य गतिविधियों को बाधित किया. चीनी पक्ष ने जवाबी कदम उठाये.’

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उनका बयान चीन के रक्षा मंत्रालय के उस बयान के बाद आया है जिसमें उसने भारतीय जवानों पर सडक निर्माण के एक काम पर आपत्ति जताने का आरोप लगाया था. चीन ने दावा किया कि सड़क निर्माण वह अपने क्षेत्र में कर रहा है. सड़क निर्माण को लेकर विवाद ही वह वजह दिखायी दे रही है जिसके चलते चीन ने सिक्किम में नाथू ला दर्रे के जरिए तिब्बत में कैलाश और मानसरोवर के दर्शन करने के लिए रवाना हुए 47 भारतीय तीर्थयात्रियों के जत्थे को रोक दिया है.

नाथू ला दर्रा समुद्र से 4,545 मीटर की ऊंचाई पर है और यह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, शिगात्से विभाग में यादोंग काउंटी और सिक्किम के बीच स्थित है. गेंग ने कल यह भी कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रालय इस मुद्दे को लेकर बातचीत कर रहे हैं. गेंग का यह बयान तब आया है जब भारतीय सेना और पीएलए के जवानों के बीच धक्कामुक्की के बाद दूरवर्ती सिक्किम क्षेत्र में तनाव बढ़ गया. इसमें चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर अस्थायी बंकरों को नुकसान पहुंचाया.

यह घटना जून के पहले सप्ताह की है जब सिक्किम में डोका ला जनरल इलाके में लालटेन चौकी के समीप दोनों बलों के बीच धक्कामुक्की होने के बाद चीन-भारत सीमा पर तनाव उत्पन्न हो गया. झड़प के बाद पीएलए भारतीय क्षेत्र में घुसी और उसने सेना के दो अस्थायी बंकरों को क्षतिग्रस्त कर दिया. वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इस क्षेत्र में भारतीय सेना और सीमा रक्षक बल आईटीबीपी तैनात है और उसका शिविर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

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