सोशल: कपड़ों की वजह से अपमान, सोशल मीडिया पर ग़ुस्सा

भारत में लोगों को कपड़े से जज किया जाना कुछ नया नहीं है. इसका सबूत है दिल्ली में हुई एक हालिया घटना. यहां मेघालय की एक महिला कोगोल्फ क्लब से इसलिए जाने को कहा गया क्योंकि कुछ लोगों के मुताबिक उसके कपड़े ‘मेड’ यानी नौकरानी जैसे थे. यह वाकया तैलिन लिंगदोह के साथ हुआ जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2017 6:22 PM

भारत में लोगों को कपड़े से जज किया जाना कुछ नया नहीं है. इसका सबूत है दिल्ली में हुई एक हालिया घटना. यहां मेघालय की एक महिला कोगोल्फ क्लब से इसलिए जाने को कहा गया क्योंकि कुछ लोगों के मुताबिक उसके कपड़े ‘मेड’ यानी नौकरानी जैसे थे.

यह वाकया तैलिन लिंगदोह के साथ हुआ जो मेघालय की ‘खासी’ जनजाति से ताल्लुक रखती हैं. लिंगदोह घरों में बच्चों को पढ़ाने का काम करती हैं. उन्हें अपने एंप्लॉयर निवेदिता बरठाकुर के साथ गोल्फ क्लब में लंच के लिए बुलाया गया था.

तैलिन वहां अपनी पारंपरिक पोशाक ‘जैनसेम’ पहनकर गई थीं. जैनसेम साड़ी की तरह दिखने वाली एक ड्रेस होती जो घुटने या इससे नीचे तक होती है. आमतौर पर इसे पेटीकोट और ब्लाउज के साथ पहना जाता है.

लंच शुरु होने के कुछ मिनट बाद ही मैनेजमेंट के लोगों ने तैलिन को वहां से जाने के लिए कहा. वजह पूछने पर कहा गया कि उनके कपड़े ‘नौकरानी’ जैसे हैं. इस पूरी घटना की जानकारी निवेदिता बरठाकुर ने एक फ़ेसबुक पोस्ट में दी है.

निवेदिता ने लिखा है कि तैलिन ने जैनसेम पहनकर लंदन से लेकर यूएई, पूरी दुनिया घूम डाली लेकिन कहीं उनसे इस तरह का बर्ताव नहीं किया गया. ख़बर फैलते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने गोल्फ क्लब के मैनेजमेंट को लताड़ना शुरू कर दिया. ट्विटर पर #DelhiGolfClub हैशटैग के साथ धड़ाधड़ ट्वीट्स होने लगे.

संजॉय ठाकुर नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा,”दिल्ली गोल्फ़ क्लब, आप इतने अंजान कैसे हो सकते हैं? नॉर्थ ईस्ट में इतनी सांस्कृतिक विरासतें हैं, आपकी नज़र इतनी कमजोर कैसे हो सकती है?’ रंजीता ने लिखा,”पारंपरिक कपड़े पहनने से आप नौकरानी हो जाते हैं. दिल्ली गोल्फ़ क्लब ढोंगियों का अड्डा है. इसे बंद किया जाए.”

ऊर्मिला ने फ़ेसबुक पर लिखा,”अगर आप सलवार-कुर्ता या साड़ी पहन सकते हैं तो हम भी अपनी पारंपरिक पोशाक पहन सकते हैं. नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ नस्लीय भेदभाव की सभी लोगों को निंदा करनी चाहिए और अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.”

मेघालय की जॉर्जिना उमदोर ने ‘जैनसेम’ पहने अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर डाली और पूछा, ”क्या मैं नौकरानी जैसी लग रही हूं?”

मामला बढ़ने पर गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने ट्वीट किया,”मैंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मामले को गंभीरता से लेने को कहा है. किसी भी तरह का भेदभाव भारत के लिए अच्छा नहीं है. इसे खत्म होना ही चाहिए.”

आख़िकार गोल्फ क्लब मैनेजमेंट की ओर से प्रेस रिलीज़ जारी करमाफ़ी मांगी गई. हालांकि क्लब ने इस आरोप से इनकार किया कि तैलिन को वहां से जाने के लिए कहा गया. वैसे सवाल यह भी है कि ‘मेड जैसे कपड़े’ पहनने में क्या बुराई है? क्या किसी मेड को सार्वजनिक स्थान पर जाने से इसलिए रोका जा सकता है कि वह मेड है.

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