इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ हाई प्रोफाइल पनामा कांड भ्रष्टाचार मामले में जांच कर रहे ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) के समक्ष उनकेबड़े पुत्र हुसैन नवाज आज छठी बार पेश हुए.
हुसैन नवाज फेडरल जुडिशियल एकेडमी (एफजेए) पहुंचे, जहां पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित छह सदस्यीय जेआईटी ने उनसे पूछताछ की.
पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जेआईटी का गठन किया था और कर चोरी के आरोपों में जांच के लिए उसे (जेआईटी को) प्रधानमंत्री, उनके बेटों और जरूरत पड़ने पर अन्य व्यक्तियों को तलब करने का अधिकार दिया था. पनामा पेपर के अनुसार कर चोरी के जरिये लंदन के रिहाइशी पार्क लेन इलाका में चार अपार्टमेंट खरीदे गये थे.
सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में शरीफ और उनके बेटों के कथित भ्रष्टाचार की जांच केलिए पांच मई को एक उच्च स्तरीय छह सदस्यीय जेआईटी का गठन किया था.
शरीफ के परिवार के कथित अनुचित कारोबारी समझौतों को लेकर जेआईटी पहले ही शरीफ एवं उनके बेटों – हुसैन तथा हसन सहित उनके परिवार के कई अन्य लोगों से पूछताछ कर चुकी है.
शरीफ की बेटी मरियम पहली बार कल जेआईटी के समक्ष पेश होंगी. शरीफ ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और उन्होंने कहा कि ये संपत्ति उनके दिवंगत पिता के खाड़ी देशों में निवेश की गयी रकम से खरीदी गयी थी.
जेआईटी के 10 जुलाई तक अपनी जांच खत्म करने की उम्मीद है और फिर वह शीर्ष अदालत में एक रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके आधार पर शरीफ की किस्मत का फैसला होगा. जेआईटी में ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई और सैन्य खुफिया के सदस्यों समेत भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी शामिल हैं.