संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान तालिबान से अलग हुए एक आतंकी समूह पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे उसकी संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा और उस पर हथियार संबंधी रोक लगायी जा सकेगी. सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति ने जमात-उल-अहरार का नाम आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट) और अलकायदा प्रतिबंध समिति में डाल दिया. इस संगठन का गठन अगस्त, 2014 में हुआ था और इसका संबंध पाकिस्तान में घातक हमलों से है. पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र के इस प्रतिबंध का स्वागत करते हुए कहा कि पाकिस्तान जमात-उल-अहरार पर प्रतिबंध लगाने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कदम का स्वागत करता है. यह संगठन सबसे पहले उस समय सुर्खियों में आया था, जब उसने शिया समुदाय की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर वर्ष 2014 में वाघा में किये गये हमले की जिम्मेदारी ली थी.
पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन के इस हमले में कम से कम 61 लोगों की मौत हो गयी थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गये थे. संगठन को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जमात-उल-अहरार भी कहा जाता है, जो अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत तथा पाकिस्तान में फाटा के मोहमंद एजेंसी जिले में स्थित है. संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, जमात-उलअहरार, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान से अलग हुआ समूह है और वह इस्लामिक स्टेट से जुड़ा है.