ISIS के आतंक से आजाद हुआ इराक का मोसुल
मोसुल : तीन साल से आइएस के आतंक की त्रासदी झेल रहा इराक का मोसुल शहर आखिरकार रविवार को आजाद हो गया. इसकी घोषणा इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी ने की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि आब्दी आइएस के आतंकियों से मुक्त कराये गये मोसुल शहर पहुंचे और जवानों व इराकी जनता को इस महान […]
मोसुल : तीन साल से आइएस के आतंक की त्रासदी झेल रहा इराक का मोसुल शहर आखिरकार रविवार को आजाद हो गया. इसकी घोषणा इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी ने की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि आब्दी आइएस के आतंकियों से मुक्त कराये गये मोसुल शहर पहुंचे और जवानों व इराकी जनता को इस महान जीत की बधाई दी. इसके बाद मोसुल की सुनी सड़कों और खंडहर बन चुके इमारतों के बीच इराकी सैनिकों और नागरिकों ने जश्न मनाया.
मोसुल में आइएस की आत्मघाती महिला हमलावरों के हमले में 15 लोगों की मौत
पिछले तीन महीने से मोसुल में भीषण संघर्ष चल रहा था. देश पूरी तरह से तबाह हो चुका है. इसी शहर से आइएस प्रमुख अबु बकर अल बगदादी ने खलीफत का एलान किया था. मोसुल के आतंकियों के सफाये के साथ करीब-करीब इराक से आइएस का सफाया हो गया है. आइएस के लिए यह करारी हार है, क्योंकि देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर मोसुल आइएस का सबसे बड़ा गढ़ था. इससे पहले, इराक की सरकारी टीवी ने रिपोर्ट दी थी कि सुरक्षाबल टिगरिस नदी के किनारे तक पहंच गये हैं. वहां इराकी झंडा फहरा दिया गया है. हालांकि बंदूकों के चलने और शहर में हवाई हमलों की आवाज सुनाई दे रही है.
रूस ने कहा, हवाई हमले में आइएस सरगना बगदादी को मार गिराया!
2014 में लड़ाकों ने किया कब्जा
वर्ष 2014 में आइएस के लड़ाकों ने इराक और सीरिया में बढ़त बना ली थी. अक्तूबर, 2016 में इराकी सेना ने अमेरिकी गठबंधन सेनाओं के साथ मिल कर मोसुल की जंग छेड़ी थी. हवाई हमलों और आक्रामक जमीनी जंग के बाद जनवरी, 2017 में शहर का पूर्वी हिस्सा आइएस से मुक्त करा लिया गया था. मार्च में इराकी बलों ने एक बार फिर पश्चिमी इलाके में अभियान चलाया और इसे अंजाम दिया.
जीत में इनकी भूमिका
इराकी सेना, कुर्दिश पेशमर्गा लड़ाके, सुन्नी अरब आदिवासी, शिया विद्रोही लड़ाके और अमेरिकी सेना. अमेरिकी सेना ने युद्धक विमान और मिसाइल का प्रयोग किया.
मोदी ने पाक पर साधा निशाना, लश्कर व जैश की तुलना आइएस और अलकायदा से की
पूरा शहर खंडहर
मोसुल के आधारभूत ढांचे, खासकर एयरपोर्ट, इमारतों पुलों और पुरातात्विक साइटों को नुकसान पहुंचा है. अल नूरी मसजिद को आइएस ने नेस्तानाबूद कर दिया है.
शहर के पुनर्निर्माण में लगेंगे 65 अरब रुपये
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, मोसुल शहर के आधारभूत ढांचे को दोबारा विकसित करने में 65 अरब रुपये से ज्यादा खर्च आयेगा. पेयजल, सीवर, बिजली सेवाओं के साथ-साथ स्कूलों और अस्पतालों को दोबारा खोलने में शुरुआती आकलन से दोहरा खर्च होगा.