संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने गुजरात के अहमदाबाद शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल किया है.
अहमदाबाद भारत का पहला शहर है जिसे विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया गया है.
जब जहाँगीर के लिए कश्मीर से आती थी बर्फ़
दौलत लुटाकर दरी के बिछौने पर सोने वाला राजा
यूनेस्को समिति ने पिछले दिनों अहमदाबाद के अलावा कंबोडिया में समबोर पेरी कुक के मंदिर क्षेत्र के अलावा चीन के कलाँगसो को भी विश्व विरासत सूची में शामिल किया है.
गौरतलब है कि इस दौड़ में भारतीय राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी कहे जाने वाला शहर मुंबई भी थे.
संस्था ने अपनी साइट पर इस बारे में लिखा है कि ‘अहमदाबाद के क़िलेबंद शहर को सुल्तान अहमद शाह ने 15 वीं सदी में नदी साबरमती के किनारे बसाया था. यह शहर वास्तुकला का शानदार नमूना पेश करता है जिसमें छोटे किले, क़िलेबंद शहर की दीवारों और दरवाज़ों के साथ कई मस्जिदों और मकबरे महत्वपूर्ण हैं.’
मददगार
इसमें कहा गया है कि ‘इसमें बाद में बनाए हिंदू और जैन धर्म के मंदिर भी शामिल हैं. यह शहर छठी शताब्दी से अब तक गुजरात की राजधानी के रूप में बना हुआ है.
राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर खतीब रहमान ने बीबीसी को बताया कि अहमदाबाद के क़िलेबंद शहर को यूनेस्को की सूची में शामिल किया जाना मध्य युग में हुई इमारतों को सुरक्षित करने में काफ़ी मददगार साबित होगा.
उन्होंने यह भी बताया कि उसकी अनुपस्थिति में दिल्ली में मध्य युग की बहुत सारी इमारतें अतीत का हिस्सा हो गई हैं और कई अन्य इमारतें धीरे-धीरे नष्ट हो रही हैं, उन्हें विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित किया जा सकता था.
उनके अनुसार, दिल्ली को भी वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल किया जाना चाहिए.
एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दक्षिण भारत के शहर मैसूर को भी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जा सकता है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट के माध्यम से इस ख़बर पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की और इसे ‘भारतीयों के लिए यादगार लम्हा क़रार दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ख़बर को री-ट्वीट करते हुए कहा कि ‘यह भारत के लिए बेहद खुशी का पल है.’
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)