ऑन बोर्ड आइएनएस जलश्व : अमेरिका, जापान और भारत की नौसेनाओं के बीच सोमवार से शुरू हुए मालाबार नौसेना अभ्यास-2017 को यहां एक प्रमुख अमेरिकी अधिकारी ने दुनिया के सामने महान उदाहरण पेश करना बताया. अमेरिकी नौसेना के कमांडर, रियर एडमिरल विलियम डी बायर्ने जूनियर ने यहां पांच दिवसीय मालाबार नौसेना अभ्यास के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘मैं यह कहना चाहूंगा कि यह चीन को एक रणनीतिक संदेश है. यह (संदेश) कनाडा या उत्तर कोरिया अथवा ऑस्ट्रेलिया या किसी भी दूसरी नौसेना के लिए भी वही संदेश होगा.’ अमेरिका, जापान और भारतीय नौसेना ने मालाबार नौसेना अभ्यास-2017 शुरू किया. इसका उद्देश्य ‘तीनों राष्ट्रों के बीच सैन्य संबंधों की गहराई को हासिल करना है.’ हिंद महासागर में इस संयुक्त युद्धाभ्यास से चीन बौखला गया है. ज्ञातव्य है कि पिछले कुछ दिनों से सिक्किम में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है.
उन्होंने कहा, ‘साथ संचालन और अभ्यास करना एक अच्छी चीज है. यह इसलिए क्योंकि हम एक साथ बेहतर हैं और हम एक-दूसरे से सीखते हैं. हम जानते हैं कि हम कौन हैं और हमारी क्षमताएं क्या हैं. यह पूरी दुनिया को एक रणनीतिक संदेश है. मुझे लगता है कि हम मालाबार अभ्यास 2017 में एक महान उदाहरण पेश कर रहे हैं.’ मालाबार अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है जब सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तानातानी का माहौल है और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग ने अपनी उपस्थिति मजबूत की है.
इसके बारे में एक सवाल के जवाब में भारतीय फ्लैग अफसर, कमांडिंग इन चीफ, पूर्वी नौसेना कमान, एचसीएस बिष्ट ने कहा, ‘इसका मालाबार अभ्यास से कुछ लेना-देना नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘मालाबार अभ्यास की प्रक्रिया एक साल पहले हुई थी और शुरुआती योजना छह महीने पहले बनी. जिस गतिरोध की आप बात कर रहे हैं उसका मालाबार अभ्यास से कुछ लेना-देना नहीं. अभ्यास के जरिये हम एक-दूसरे से सीखते हैं.’
इस नौसैनिक अभ्यास में तीनों देशों के करीब 95 विमान, 16 जहाज और दो पनडुब्बियां हिस्सा ले रही हैं. बंगाल की खाड़ी में तीनों देशों के नौसेना अभ्यास में अमेरिकी जहाज निमित्ज (सीवीएन68) लक्षित मिसाइल क्रूज यूएसएस प्रिंसटन (सीजी59), लक्षित मिसाइल विध्वंसक यूएसएस होवार्ड (डीडीजी83), यूएसएस शूप (डीडीजी86) और यूएसएस किड (डीडीजी100), एक पोसीडॉन पी-8 ए विमान के अलावा लॉस एंजिलिस का तेजी से हमला करनेवाला एक पनडुब्बी भी शामिल है.
एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि जापानी समुद्री स्वरक्षा बल जहाज जेएस इजुमा (डीडीएच 183), जेएस सजानामी (डीडी113) के अलावा भारतीय नौसेना जहाज जलाश्व और आइएनएस विक्रमादित्य भी संयुक्त नौसेना अभ्यास में हिस्सा लेगी. अभ्यास के 21वें सत्र में समुद्र तट पर और समुद्र में अभ्यास किया जायेगा. इसमें समूह अभियान, समुद्री गश्त और टोही कार्रवाई, सतह और पनडुब्बी रोधी युद्ध का अभ्यास किया जायेगा. इस अभ्यास में चिकित्सा अभियान, खतरा न्यूनीकरण, विस्फोटक आयुध निपटान, हेलीकॉप्टर अभियान और पनडुब्बी रोधी युद्ध का भी अभ्यास किया जायेगा.