लोकसभा चुनाव के लिए महिलाएं ने तय किया है अपना एजेंडा

रजनीश आनंद 16वीं लोकसभा का चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आता जा रहा है, चुनावी सरगरमी बढ़ती ही जा रही है. हर प्रत्याशी अपने उम्मीदवार को रिझाने में जुटा है. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर मतदाता किन मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट दें, ताकि एक अच्छी सरकार का देश में गठन हो. गौरतलब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2014 12:30 PM

रजनीश आनंद

16वीं लोकसभा का चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आता जा रहा है, चुनावी सरगरमी बढ़ती ही जा रही है. हर प्रत्याशी अपने उम्मीदवार को रिझाने में जुटा है. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर मतदाता किन मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट दें, ताकि एक अच्छी सरकार का देश में गठन हो. गौरतलब है कि इस चुनाव में कुल मतदाताओं में से 49 प्रतिशत (लगभग) यानी 40 करोड़ महिला वोटर हैं. इसलिए उनका मत सरकार गठन में अहम भूमिका निभायेगा.

अगर बात झारखंड की करें, तो यहां लगभग एक करोड़ महिला वोटर हैं, यही कारण है कि हर प्रत्याशी महिला वोटरों को लुभाने के लिए वादों का पुलिंदा उनके सामने पेश कर रहा है. यह तो बात हुई प्रत्याशियों की, लेकिन जहां तक बात महिलाओं की है, तो वे इस बार काफी सचेत नजर आ रही हैं. विगत कुछ वर्षो से महिला सशक्तीकरण के लिए किये गये प्रयासों के कारण महिलाएं काफी जागरूक हो गयीं हैं. वे अपने हक और अधिकारों को समझने लगी हैं, यही कारण है कि वे अब आसानी से प्रत्याशियों के झांसे में आने वाली नहीं हैं. महिला मतदाताओं का मन टटोलने के लिए हमने कुछ महिलाओं से बात की, तो उसका निचोड़ यह निकला कि इस बार महिलाएं उसी उम्मीदवार को अपना कीमती वोट देंगी, जो उनके हक और अधिकार की रक्षा करेगा और उनकी सुरक्षा का व्यापक प्रबंध करेगा.

बुनियादी सुविधाएं मिले
रांची के अनगड़ा प्रखंड के गेतलसूद पंचायत की अंजलि पहली बार मतदान करेंगी. इनका कहना है कि हमें जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. चूंकि हम सवर्ण हैं, इसलिए योजनाएं का लाभ हमें प्राथमिकता के आधार पर नहीं मिलता है. इसलिए हम यह चाहते हैं कि हमें ऐसी सरकार मिले जो हमारा ख्याल करे. हमें जीवन की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराये. शिक्षा और स्वास्थ्य की जरूरतों को पूरा करे, साथ ही सबसे जरूरी बात यह है कि हमें सुरक्षा प्रदान करे. महिलाएं घर के बाहर की बात तो छोड़ दें, अपने घर में भी सुरिक्षत नहीं हैं. इसलिए हमें ऐसी सरकार चाहिए, जो हमारी इन मांगों को पूरी करे. हम अपना कीमती वोट इन मुद्दों को ध्यान में रख कर ही देंगे.

लड़कियों की शिक्षा उपलब्ध कराने वाले को वोट
रांची के गेतलसूद गांव की रहने वाली रेणुका का कहना है कि इस बार वे उसी प्रत्याशी को वोट देंगी, जो हमारे गांव में लड़कियों की शिक्षा के लिए उचित वातावरण तैयार करेगा. साथ ही लड़कियों को स्कूल आने-जाने के लिए सुरक्षा मुहैया करायेगा. इसके साथ ही हम वोट देते समय यह भी देखेंगे कि प्रत्याशी हमें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिला पायेगा या नहीं.

उम्मीदवारों को परख कर देंगे वोट
मसनिया टोला, सिरका पंचायत, अनगड़ा की रहनेवाली शीला देवी कहती हैं : गेतलसूद डैम के निर्माण के वक्त हमें विस्थापित कर दिया गया था. उस वक्त हमें कई आश्वासन दिये गये थे, जो आज तक पूरे नहीं हुए. इसलिए इस बार वोट देते समय हम उम्मीदवारों को परखेंगे. जो प्रत्याशी हमारे हित के बारे में सोचेगा, हम उसी के नाम के आगे बटन दबायेंगे.

हमारी मांग पूरी करने वाले को वोट
मसनिया टोला, सिरका पंचायत की ही रहने वाली आलोमनी कहती हैं कि हम विस्थापितों को हर सरकार ने सिर्फ सपने ही दिखाये हैं, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया. अब चुनाव का वक्त है, तो वादे कर रहे हैं. मुङो तो ऐसा लगता है कि हमारी स्थिति कभी सुधरने वाली नहीं है. सरकारी योजनाओं का कोई लाभ हमें नहीं मिलता है. लाल कार्ड की सुविधा भी नहीं है. इंदिरा आवास भी हमें नहीं मिल पाया है. अत: हमें ऐसा उम्मीदवार चाहिए, जो हमारी मांगों को पूरा करे, तभी हम उसे वोट देंगे.

जो मेरे जीवन को सहज बनायेगा, उसे वोट
मसनिया टोला, सिरका पंचायत की वृद्धा मांदरी का कहना है कि मैंने कई चुनाव देखे हैं और कई नेताओं को भी देखा है. ये लोग सिर्फ वादे करते हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं. यही कारण है कि आम जनता अब नेताओं पर विश्वास नहीं करती है. मेरे जैसे लोगों के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन उनका लाभ हमें नहीं मिल पाता है. मुङो वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलती है. इंदिरा आवास की सुविधा भी नहीं मिली है. गरीबों को सस्ती दर पर अनाज मिलता है, ऐसा कहा जाता है, लेकिन मुङो इसका लाभ नहीं मिल रहा है. इसलिए मैं इस बार ऐसे प्रत्याशी को वोट दूंगी, जो मेरी इन मांगों को पूरा करेगा और मेरे जीवन को सहज बनायेगा.

यह तो बात हुई कुछ महिलाओं की, लेकिन अगर हम व्यापक स्तर पर देखें तो इस बार ग्रामीण इलाकों में महिलाओं ने अपना एजेंडा तैयार कर लिया है. उनका कहना है कि हमारे एजेंडे के समर्थन में जो प्रत्याशी होगा, हम उसे ही वोट देंगे. महिलाओं ने अपने एजेंडे में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और महिला स्वावलंबन को जोड़ा है. उनका कहना है कि एक सभ्य समाज के लिए महिलाओं का शिक्षित होना तो जरूरी है ही, साथ ही यह भी जरूरी है कि वह स्वस्थ रहे. इसलिए शिक्षा और स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है. विगत कुछ वर्षो से महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है, इसलिए महिला सुरक्षा का मुद्दा भी इस बार महिला वोटरों के मन में बसा है, जो वोटिंग के वक्त काफी प्रभावशाली सिद्ध होगा. इसके साथ ही महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होना चाहती हैं और स्वरोजगार से जुड़ना चाहती हैं. इसलिए वे ऐसी योजनाओं को चाहती हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बना सके. ऐसे में यह कहना बिलकुल सही होगा कि इस बार महिलाओं का वोट पाने के लिए प्रत्याशियों को काफी मशक्कत करनी होगी, क्योंकि इस बार महिलाएं हवाबाजी के चक्कर में नहीं आनेवाली, उन्हें चाहिए ठोस आश्वासन.

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