पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के खिलाफ पनामागेट मामले की सुनवायी फिर शुरू की

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के हाई प्रोफाइल पनामागेट मामले में सुनवायी सोमवार को फिर शुरू कर दी. हफ्ते भर पहले ही जांच पैनल ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2017 11:42 AM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के हाई प्रोफाइल पनामागेट मामले में सुनवायी सोमवार को फिर शुरू कर दी. हफ्ते भर पहले ही जांच पैनल ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी.

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सुप्रीम कोर्ट के ईदगिर्द और भीतर सुरक्षा के कडे इंतजाम किये गये हैं. सुनवायी के मद्देनजर करीब 700 पुलिसकर्मी, रेंजर्स और स्थानीय प्रशसान के कर्मचारी तथा अधिकारियों को तैनात किया गया. शीर्ष अदालत ने 67 वर्षीय शरीफ के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की जांच के लिए छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था जिसने 60 दिन की पडताल के बाद रिपोर्ट 10 जुलाई को अदालत को सौंप दी थी.

शरीफ और उनके बच्चों की आय और वास्तविक संपत्तियों में उल्लेखनीय असमानताएं पाए जाने के बाद जेआईटी ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी. जेआईटी ने बीते 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया कि शरीफ, उनके बेटों हसन एवं हुसैन नवाज तथा उनकी बेटी मरियम पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश 1999 के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाये.

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अदालत ने रिपोर्ट मिलने के बाद आदेश दिया कि इसकी प्रतियां सभी पक्षों को मुहैया करवाई जाए. इस रिपोर्ट को नवाज शरीफ सरकार ने ‘ ‘रद्दी ‘ ‘ बताया था. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि सरकार जेआईटी की रिपोर्ट को अदालत में चुनौती देगी. शरीफ की बेटी मरियम ने भी रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, ‘ ‘ जेआईटी रिपोर्ट अस्वीकार है. हर विरोधाभास का ना केवल जवाब दिया जाएगा बल्कि यह सुप्रीम कोर्ट में खत्म भी हो जाएगा. सरकारी खजाने से एक पैसा नहीं लिया.’ ‘ मुख्य विपक्षी दलों ने शरीफ से कहा था कि जब तक वे इस मामले से पाक साफ बाहर नहीं आ जाते तब तक वे सत्ता से दूर ही रहें। लेकिन शरीफ ने जेआईटी के निष्कर्षों को अस्वीकार करते हुए इस्तीफा देने से मना कर दिया था.

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