Loading election data...

चीनी मीडिया ने भारत को छोड़ चीन को ही लताड़ा, कहा-अपने विकास के माॅडल पर करो काम

नयी दिल्लीः समय-समय पर भारत पर आंख तरेरने वाले चीनी मीडिया ने इस बार चीन को ही आइना दिखाते हुए लताड़ने का काम किया है. उसने कहा है कि भारत के विकास को छोड़ अपने विकास के माॅडल पर ध्यान दे, तो बेहतर होगा. उसका कहना है कि भारत में विदेशी निवेश आकर्षित किया जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2017 2:04 PM

नयी दिल्लीः समय-समय पर भारत पर आंख तरेरने वाले चीनी मीडिया ने इस बार चीन को ही आइना दिखाते हुए लताड़ने का काम किया है. उसने कहा है कि भारत के विकास को छोड़ अपने विकास के माॅडल पर ध्यान दे, तो बेहतर होगा. उसका कहना है कि भारत में विदेशी निवेश आकर्षित किया जा रहा है, जो उसके विकास में मददगार साबित होगा. चीन को पड़ोसी देश भारत की चिंता छोड़ चुपचाप अपने नये विकास के माॅडल पर काम करना चाहिए.

इस खबर को भी देखेंः चीनी मीडिया की भारत को धमकी – पीछे हटे भारत, नहीं तो 1962 से भी गंभीर नुकसान झेलना पड़ेगा

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, भारत में लगातार बढ़ रहा विदेशी निवेश उसकी प्रगति को दिखाता है. चीन को चुपचाप भारत की प्रगति देखनी चाहिए और उससे मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहिए. चीन को अपनी विकास की नयी नीति पर भी विचार करना चाहिए. अखबार के लेख में कहा गया है कि विदेशी निवेश के जरिये भारत अपनी परेशानियों को दूर कर रहा है और इसमें सफल भी हो रहा है.

इस खबर को भी देखेंः चीनी मीडिया ने भारत को दिखायी आंख, तो जानिये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने क्या दिया जवाब…?

अखबार ने लिखा कि चीन ने भी पहले इस तरह की नीति अपनायी थी, जिसमें वह अब भी सफल हो रहा है. अगर पहले भारत बुनियादी ढांचा आैर कुशल कामगारों से अछूता रहा है, तो वह अपनी इन कमियों को विदेशी निवेश के जरिये खत्म कर रहा है. भारत सरकार भी मेक इन इंडिया के जरिये अपने विदेशी निवेश के कार्यक्रम को सफल बना रही है. चीनी मीडिया ने उन सभी कंपनियों का भी जिक्र किया है, जो भारत में निवेश कर रही हैं. इसमें चीन की कुछ विनिर्माण क्षेत्र की कंपनिया भी शामिल हैं. लेख के अनुसार, इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पिछले दो दशकों से भारत और चीन में क्या हो रहा है.

गौरतलब है कि डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल है. इस दौरान चीन की तरफ से लगातार उकसावे वाले बयान आ रहे हैं. इससे पहले चीन के एक सरकारी अखबार के संपादकीय में सीधे-सीधे धमकी देते हुए लिखा गया था कि इससे पहले कि हालात और बिगड़ जायें और भारत को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ें, वह डोकलाम से अपने सैनिक हटा ले. अखबार लिखता है कि बीजिंग अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता के मामले में किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेगा.

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, चीनी सरकार के मुख्यपत्र माने जाने पीपुल्स डेली ने भी बीते मंगलवार को अपने संपादकीय पन्ने पर 22 सितंबर 1962 में छपे एक भड़काऊ संपादकीय को दोबारा प्रकाशित किया है. इस लेख में उसने ‘क्षेत्रीय उकसावे’ को लेकर भारत को चेतावनी दी है. भारत, चीन और भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम पर चीन अपना दावा कर रहा है, वहीं भारत और भूटान का कहना है कि ये हिस्सा भूटान का है और विवादित है.

Next Article

Exit mobile version