पनामागेट मामला : शरीफ के विधिक दल ने जांच पैनल की रिपोर्ट खारिज की
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश करनेवाली जांच पैनल की रिपोर्ट को शरीफ के विधिक दल ने सोमवार को अवैध और पक्षपातपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के हाई […]
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की सिफारिश करनेवाली जांच पैनल की रिपोर्ट को शरीफ के विधिक दल ने सोमवार को अवैध और पक्षपातपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के हाई प्रोफाइल पनामागेट मामले में सुनवाई साेमवारको फिर शुरू कर दी. शीर्ष अदालत ने 67 वर्षीय शरीफ के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की जांच के लिए छह सदस्यीय संयुक्त जांच दल (जेआbटी) का गठन किया था जिसने 60 दिन की पड़ताल के बाद रिपोर्ट 10 जुलाई को अदालत को सौंप दी थी.
जेआइटी रिपोर्ट का जवाब शरीफ की ओर से ख्वाजा हैरिस ने पेश किया, इसमें पैनल रिपोर्ट को पक्षपातपूर्ण और वास्तविक जनादेश का उल्लंघन बताते हुए अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘जेआइटी रिपोर्ट ना केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि देश के संविधान के भी खिलाफ है, इसलिए इसके निष्कर्षों का कोई कानूनी मोल नहीं है.’ उन्होंने विदेशों से प्राप्त दस्तावेजों पर भी आपत्ति जतायी और कहा कि यह देश के कानून के खिलाफ है.
उन्होंने अदालत से रिपोर्ट का खंड 10 उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया. इस खंड को जेआइटी के अनुरोध पर गोपनीय रखा गया है. हैरिस ने अदालत से जेआइटी की रिपोर्ट अस्वीकृत करने का भी अनुरोध किया. उनकी ओर से वित्त मंत्री इशहाक डार ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय में जेआइटी रिपोर्ट पर आपत्तियां अलग से दर्ज करवायी.
इससे पहले, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रतिनिधि नईम बुखारी ने अपनी दलीलों में जेआइटी की सराहना की और अदालत से अनुरोध किया कि वह रिपोर्ट को लागू करे और प्रधानमंत्री को अयोग्य करार दे. बाद में पीटीआइ के फवाद चौधरी ने मीडिया से कहा कि शरीफ प्रधानमंत्री बने रहने का नैतिक और राजनीतिक आधार खो चुके हैं. उन्होंने कहा,’वह ना केवल अयोग्य होंगे, बल्कि जेल भी जायेंगे.’ सूचना राज्यमंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि सरकार अदालत का फैसला स्वीकार करेगी. अदालत ने सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी है.