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डोकलाम विवाद के बीच चीनी सेना ने तिब्बत में किया फायरिंग का अभ्यास

बीजिंग : सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच जारी गतिरोध के बीच चीन की सेना ने सोमवार को कहा कि उसने पठारी इलाके में हमले की अपनी क्षमता जांचने के लिए तिब्बत पवर्तीय क्षेत्र में फायरिंग का अभ्यास किया है. सेना ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने […]

बीजिंग : सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच जारी गतिरोध के बीच चीन की सेना ने सोमवार को कहा कि उसने पठारी इलाके में हमले की अपनी क्षमता जांचने के लिए तिब्बत पवर्तीय क्षेत्र में फायरिंग का अभ्यास किया है. सेना ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर 11 घंटा लंबा अभ्यास किया, जिसका लक्ष्य इस तरह के ठिकानों पर लड़ाकू क्षमता को बेहतर करना है.

सरकार संचालित चाइना डेली ने पीएलए की एक प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से बताया कि पीएलए तिब्बत क्षेत्र कमान के जमीनी लड़ाकू ब्रिगेड ने यह अभ्यास किया है. इसने इस महीने यह अभ्यास किया है. इसमें सैनिकों की तेजी से तैनाती, संयुक्त हमला और विमान रोधी रक्षा शामिल है. प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक इस अभ्यास ने पठारों पर ब्रिगेड की संयुक्त हमला क्षमता को प्रभावी ढंग से जांचा.

वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सेना का अभ्यास देश के सैनिकों की लड़ने की तैयारी के बारे में चीनियों को भरोसा दिलाने के लिए है. शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के दक्षिण एशिया अध्ययन विशेषज्ञ वांग देहुआ ने कहा कि विरोधी को यह दिखाना कि आप लड़ने के लिए तैयार हो, वह एक वास्तविक लड़ाई को रोकने की संभावना बढ़ाता है. यह चीन के लोगों को यह भरोसा भी दिलायेगा कि यहां एक मजबूत पीएलए बल है जो चीनी सरजमीं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बीजिंग के सैन्य टिप्पणीकार झोउ चेनमिंग ने हांगकांग आधारित साउथ चाइन माॅर्निंग पोस्ट से कहा, ‘पीएलए यह दिखाना चाहता है कि यह अपने भारतीय समकक्षों (सैनिकों) पर आसानी से काबू पा सकता है.’ झोउ ने कहा कि गतिविधि करने, गोलीबारी करने और साजो सामान के मामले में चीन का पलड़ा स्प्ष्ट रूप से भारी है. पीएलए तिब्बत कमान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) सहित तिब्बत क्षेत्र को जोड़नेवाली सीमाओं पर पहरेदारी करता है. सीसीटीवी रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिगेड लंबे समय से ब्रह्मपुत्र नदी के मध्यम और निचले स्थानों पर तैनात था. यह ब्रिगेड अग्रिम लड़ाकू मिशनों के लिए जिम्मेदार है. ऑनलाइन पोस्ट किये गये वीडियो में सैनिकों को एंटी-टैंक ग्रेनेड, बंकरों पर मिसाइलों और तोपखाने के लिए होवित्जर का इस्तेमाल करते दिखाया गया है.

अभ्यास में रडार यूनिट दुश्मन के विमानों की पहचान करते और सैनिक एंटी-क्राफ्ट मिसाइलों से निशाना साधते दिख रहे हैं. इसके अलावा तिब्बत मोबाइल कम्युनिकेशन एजेंसी ने तिब्बत की राजधानी ल्हास में 10 जुलाई को एक अभ्यास किया. गौरतलब है कि चीन और भारत के बीच सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र में गतिरोध चल रहा है जहां भारतीय सैनिकों ने 16 जून को चीनी सैनिकों द्वारा किये जा रहे सड़क निर्माण के कार्य को रोक दिया था.

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