एक साथ सर्वाधिक लोगों द्वारा राष्ट्रगान गाने का विश्व रिकॉर्ड अब तक भारत के नाम है, लेकिन 26 मार्च को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने एक साथ राष्ट्रगान गाया.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के परेड मैदान में 26 मार्च को लाखों युवाओं और बुजुर्गो ने विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला, अमी तोमाय भालोबाशी’ का समूहगान किया. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में स्वतंत्रता सेनानियों, सैन्य अधिकारियों, राजनेताओं, व्यवसायियों, सांस्कृतिक कलाकारों, अध्यापकों और छात्रों ने एकत्र होकर देशभक्ति की भावना के साथ राष्ट्रगान का सामूहिक गान किया. जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड में बांग्लादेश का नाम दर्ज कराने के लिए आयोजित कार्यक्रम ‘लाखों कोंथे सोनार बांग्ला’ में तीन लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए. हालांकि मशीनी गणना में 2,54,681 लोगों की उपस्थिति दर्ज की गयी. कार्यक्रम का नारा था- ‘जातीया संगीत गाइबो, बिस्व रिकॉर्ड गोरबो’.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सहारा इंडिया परिवार के स्टाफ और कार्यकर्ताओं ने 6 मई, 2013 को लखनऊ में 1,21,653 की संख्या में इकट्ठा होकर राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ गाया था, जो अब तक का एक विश्व रिकॉर्ड है.
बांग्लादेश के 43वें स्वतंत्रता और राष्ट्रीय दिवस पर लोगों में देशभक्ति जागृत करने के लिए यह कार्यक्रम सांस्कृतिक मंत्रलय और आर्म्स फोर्स डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ. राष्ट्रगान सुबह 11 बज कर 22 मिनट पर शुरू हुआ. यह राष्ट्रगान प्रसिद्ध कवि रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित है. 1971 के युद्ध में इस गाने ने लोगों को देशभक्ति के लिए प्रेरित किया था. तीन मार्च, 1971 को ‘आमार सोनार बांग्ला’ को राष्ट्रगान घोषित किया गया था. स्वतंत्र बांग्लादेश में पहली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 17 अप्रैल, 1971 को मुजीबनगर में पहली बार इसे गाया गया था.
राष्ट्रगान शुरू होने से पहले शेख हसीना ने राष्ट्र को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि बंगाली हमेशा इतिहास बनाते हैं. बंगबंधु के नेतृत्व में 24 वर्षो के संघर्ष के बाद बांग्लादेश ने आजादी हासिल कर इतिहास बनाया था. स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने की जिम्मेवारी युवाओं पर है. उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों, प्रतिभागियों और देशवासियों को कार्यक्रम की सफलता पर बधाई दी. कार्यक्रम के बारे में सांस्कृति मंत्री असदुज्जमा नूर ने कहा कि अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं.
भीड़ के लिए सड़कों को खाली रखा गया था. जॉयदेवपुर से नारायणगंज तक रेलवे द्वारा टिकट फ्री सेवा मुहैया करायी गयी. आयोजन स्थल पर भोजन, पानी, दवा और टॉयलेट की सुविधा प्रदान की गयी. टीवी चैनलों द्वारा कार्यक्रम का प्रसारण किया गया. प्रसिद्ध कलाकार, गायक, अभिनेता-अभिनेत्रियों ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम को शानदार बनाया. कार्यक्रम दिवस की शुरुआत राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सुबह पांच बज कर 50 मिनट पर राष्ट्रीय स्मारक पर पुष्पार्चन कर किया.