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नेपाल में भारत के राजदूत ने किया कोसी बराज का निरीक्षण

सुपौल (वीरपुर) प्रतिनिधि : नेपाल में भारत सरकार के राजदूत मंजीत सिंह पूरी, उनकी पत्नी एवं नेपाल के पूर्व वित्तमंत्री सह वर्तमान सांसद डॉ. नारायण खड़का ने नेपाल के उदयपुर जिला में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाने के क्रम में कोसी बराज का शुक्रवार को निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कोसी […]

सुपौल (वीरपुर) प्रतिनिधि : नेपाल में भारत सरकार के राजदूत मंजीत सिंह पूरी, उनकी पत्नी एवं नेपाल के पूर्व वित्तमंत्री सह वर्तमान सांसद डॉ. नारायण खड़का ने नेपाल के उदयपुर जिला में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जाने के क्रम में कोसी बराज का शुक्रवार को निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कोसी बराज के फाटक, ऑटो मायजेसन सिस्टम से गेटों का परिचालन समेत अन्य जानकारियां भी विभाग के अधिकारियों से ली.

साथ ही कोसी बराज से जीपीआरएस सिस्टम से जल संसाधन विभाग पटना को कोसी बराज के डिस्चार्ज एवं गेटों के परिचालन के साथ ही तटबंधों की अद्यतन जानकारी कैसे उपलब्ध करायी जाती है, बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य की भी जानकारी व बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों के लिए विभागीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों की भी जानकारी ली. मौके परमंजीतसिंह पूरी ने अधिकारियों को आपसी तालमेल से बाढ़ अवधि के दौरान चौकस रहने के साथ ही सूचना का आदान-प्रदान और आपसी सहयोग से कार्यों का निष्पादन करने की तारीफ की. इस दौरान बाढ़ के दौरान कोसी बराज के 56 गेटों के परिचालन का भी अवलोकन करते हुए कोसी से संबंधित अन्य जानकारियां ली.

इसी क्रम में पत्रकारों से बातचीत मेंमंजीतसिंह पूरी ने कहा कि कोसी बराज भारत-नेपाल के आपसी सहयोग और मित्रता की अनूठी मिशाल का नमूना है. जिसे देखने की इच्छा सभी की होती है. उन्होंने कहा कि यहां से कार्यक्रम में जाते समय मुझे भी देखने की लालसा थी, जो आज पूरा हो गया. उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा के नेपाल प्रभाग में स्थापित कोसी बराज को बिहार सरकार के अधिकारी नेपाल सरकार के अधिकारियों के सहयोग से जितना कुशल प्रबंधन से संचालन करते हैं. इसके लिए सभी विभागीय अधिकारी धन्यवाद के पात्र हैं.

इस अवसर पर उनके साथ भारत-नेपाल के सहायक लायजन पदाधिकारी विजय कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता बराज अंचल वीरपुर दिनेश कुमार, कार्यपालक अभियंता शीर्ष कार्य प्रमंडल वीरपुर विजय कुमार सिंह, अवर प्रमंडल पदाधिकारी बराज लाला दास, कनीय अभियंता अरबिंद कुमार आदि मौजूद थे.

स्पर संख्या 9.40 पर कोसी बजा रही खतरे की घंटी
सुपौल (मरौना) : कोसी में घटते जलस्तर के बावजूद नदी की आक्रामकता कम होने का नाम नहीं ले रही है. साथ ही नदी की उफनाती धारा से तटबंधों पर दवाब बना हुआ है. विस्तारित सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध के समीप प्रखंड के पंचगछिया गांव स्थित स्पर संख्या 9.40 किलोमीटर पर नदी का रुख काफी आक्रामक है. जिस कारण नदी की धारा ने स्पर के किनारे पूर्व में कराये गए क्रेटिंग कार्य को अपनी चपेट में ले लिया. नदी के इस खतरनाक रुख से आस-पास बसे गांवों के लोगों में काफी दहशत व्याप्त है.

हालांकि जल संसाधन विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर फ्लड फाईटिंग कार्य कराया जा रहा है. लेकिन गुणवत्ताविहीन कार्य कराये जाने से लोगों के बीच तरह- तरह की चर्चा चल रही है. वहीं स्पर 9.40 किलोमीटर पर संवेदक द्वारा बोरे में बालू की जगह मिट्टी भरकर ही कार्य कराया जा रहा है. जो कार्य की गुणवत्ता पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न बना हुआ है.

मालूम हो कि स्पर को बचाने के लिए विभाग द्वारा दर्जनों ट्रैक्टर व सैकड़ों मजदूर लगाये गए हैं. विस्तारित सिकरहट्टा-मझारी निम्न बांध की बदहाल स्थिति को देख लोग काफी दहशत में हैं. इसके बावजूद विभाग व संवेदक द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं कराया जाना समझा से परे है. मालूम हो कि बाढ़ अवधि में कोसी नदी की विभीषिका से सबसे अधिक मरौना प्रखंड के लोग प्रभावित होता रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग बाढ़ अवधि से पूर्व कुंभकर्णी नींद में सोया रहता है. लेकिन जब पानी का दबाब बढ़ता है तब विभाग द्वारा कार्य करवाया जाता है. मौके पर मौजूद कई विभागीय पदाधिकारियों ने पूछने पर बताया कि स्पर संख्या 9.40 पर दबाव है. लेकिन सुरक्षात्मक कार्य जारी है. कार्य स्थल पर मानक अनुरुप कार्य कराया जा रहा है.

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