वाशिंगटन : अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया है कि अमेरिका के जम्मू-कश्मीर के विवरण में विसंगति रही है लेकिन यह कहते हुए अपनी नीति में कोई बदलाव ना होने की बात कही कि कश्मीर को लेकर किसी भी चर्चा की ‘ ‘गति, गुंजाइश एवं चरित्र ‘ ‘ का निर्धारण भारत और पाकिस्तान ही करेंगे.
अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने पीटीआई से कहा, ‘ ‘कश्मीर को लेकर हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. ‘ ‘ अमेरिका द्वारा जम्मू-कश्मीर के विवरण के अलग अलग तरीकों को लेकर सवाल उठने पर यह स्पष्टीकरण दिया गया.
हाल में अमेरिका ने एक बयान में इसे ‘ ‘भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर ‘ ‘ बताया था और इस हफ्ते उसने इसे ‘ ‘भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर ‘ ‘ कहा.
विदेश विभाग ने जून में पाकिस्तान स्थित हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को ‘ ‘विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी ‘ ‘ करार देते हुए कहा था कि आतंकी समूह ने अप्रैल, 2014 में ‘ ‘भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर ‘ ‘ में हुए हमले सहित कई हमलों की जिम्मेदारी ली है.
हालांकि भारत ने अमेरिका के इस उल्लेख को तवज्जो ना देते हुए कहा था कि पूर्व में भी इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जा चुका है.
पूर्व में अमेरिका ने ‘ ‘भारत के नियंत्रण वाले कश्मीर ‘ ‘ शब्द का भी इस्तेमाल किया था. बुधवार को जारी नवीनतम ‘कंटरी रिपोर्ट ऑन टेररिज्म ‘ में अमेरिका ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को ‘ ‘आजाद जम्मू-कश्मीर ‘ ‘ बताया था.
विदेश विभाग द्वारा ‘ ‘आजाद जम्मू-कश्मीर ‘ ‘ शब्द के इस्तेमाल का भारत सरकार ने कड़ा विरोध किया था.
अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया कि अमेरिका के जम्मू-कश्मीर के विवरण में विसंगति रही है लेकिन कहा कि उसकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘ ‘कश्मीर को लेकर हमारी नीति में बदलाव नहीं आया है. कश्मीर से संबंधित चर्चाओं की गति, गुंजाइश तथा चरित्र का निर्धारण दोनों संबद्ध देश करेंगे लेकिन हम करीबी संबंधों के विकास के लिए भारत एवं पाकिस्तान द्वारा उठाए जाने वाले सभी सकारात्मक कदमों का समर्थन करते हैं. ‘ ‘