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डोकलाम पर ”परेशान” चीन को अजीत डोभाल की यात्रा से बंधी उम्मीद

बीजिंग : एक चीनी विश्लेषक के मुताबिक, ब्रिक्स राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बीजिंग यात्रा भारत और चीन के बीच डोकलाम में जारी सैन्य गतिरोध को कम करने में महत्वपूर्ण हो सकता है. डोभाल को इस बैठक के लिए 27-28 जुलाई को चीन आना […]

बीजिंग : एक चीनी विश्लेषक के मुताबिक, ब्रिक्स राष्ट्रों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के सिलसिले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बीजिंग यात्रा भारत और चीन के बीच डोकलाम में जारी सैन्य गतिरोध को कम करने में महत्वपूर्ण हो सकता है. डोभाल को इस बैठक के लिए 27-28 जुलाई को चीन आना है. अमेरिका ने भी कहा है कि डोकलाम में सैन्य गतिरोध पर तनाव घटाने के लिये किसी तरह के बल प्रयोग के बजाय भारत एवं चीन को सीधी वार्ता करनी चाहिए

बैठक की मेजबानी उनके चीनी समकक्ष एवं स्टेट काउंसलर यांग जीइची करेंगे. यह बैठक ब्रिक्स देशों – ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – के सितंबर में शियामेन शहर में प्रस्तावित शिखर सम्मेलन से पहले अधिकारियों की बैठकों की श्रृंखला का एक हिस्सा है.

शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिस्सा लेने की उम्मीद है.

थिंकटैंक ‘चाइना रिफॉर्म फोरम ‘ के एक रिसर्च फेलो मा जियाली ने कहा कि डोभाल का दौरा अहम हो सकता है और भारत तथा चीन के बीच तनाव कम करने का एक अवसर बन सकता है.

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उनकी यह टिप्पणी आज कम्युनिस्ट पार्टी मीडिया ग्रुप के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में आयी है जो सामान्य तौर पर सत्ताधारी पार्टी के नजरिये को व्यक्त करता है. दोनों देशों में तनाव के बीच इस अखबार में हाल के हफ्तों में कई बार भारत विरोधी बयानबाजी हुई है. तिब्बत के दक्षिणी हिस्से में स्थित डोकलाम में चीनी और भारतीय सैनिक एक महीने से ज्यादा समय से आमने-सामने डटे हैं. डोकलाम पर भारत का सहयोगी देश भूटान भी अपना दावा जताता है. भारतीय सैनिकों ने इस विवादित क्षेत्र में चीनी सेना को सड़क बनाने से रोका था.

डोभाल और जीइची भारत और चीन सीमा वार्ता के लिए अपने अपने देश के विशेष प्रतिनिधि हैं. दोनों पक्ष सीमा विवाद को हल करने के लिए अब तक 19 दौर की वार्ता कर चुके हैं. चीनी अधिकारियों ने कहा कि डोभाल और जीइची के बीच सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके के गतिरोध को दूर करने केलिए अनौपचारिक बातचीत हो सकती है. मा ने कहा कि डोभाल के दौरे के दौरान चीन इस उम्मीद के साथ मुद्दा उठाएगा कि वह तनाव कम करने के लिए उपाय कर सकते हैं. भारत अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए सौदेबाजी के तौर पर कुछ अनुरोध कर सकता है. बहरहाल, उन्होंने आगाह किया कि अगर दोनों पक्ष इस मुद्दे पर किसी सहमति तक नहीं पहुंच पाते हैं तो चीन और भारत के बीच के रिश्ते ज्यादा बिगड़ सकते हैं.

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