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प्रेस रिव्यू- अमित शाह जाएंगे राज्यसभा, गुजरात से लड़ेंगे चुनाव

Reuters द हिंदू ने लिखा है कि बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को गुजरात से राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है. गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आठ अगस्त को चुनाव होना है. मध्य प्रदेश की मंडला सीट से आदिवासी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2017 10:44 AM
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Reuters

द हिंदू ने लिखा है कि बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने बुधवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को गुजरात से राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है.

गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए आठ अगस्त को चुनाव होना है.

मध्य प्रदेश की मंडला सीट से आदिवासी नेता समपतिया उइके को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. यहां पर उपचुनाव होना है, ये सीट पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे के निधन के बाद खाली हुई है.

पार्टी ने गुजरात से तीसरी राज्यसभा सीट के लिए पार्टी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है, बीजेपी इसके लिए किसी निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर सकती है. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को नामांकित किया गया है.

अख़बार ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इससे ये संकेत मिलता है कि अमित शाह इस साल के अंत में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे.

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इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि इसके साथ इन अटकलों पर भी विराम लग जाएगा कि अमित शाह राज्य की राजनीति में लौटेंगे और गुजरात के मुख्यमंत्री बन सकते हैं.

जनसत्ता ने लिखा है कि दिल्ली के बाबा हरिदासनगर थाना इलाके में स्कूल के एक वैन चालक पर चार साल की नर्सरी की छात्रा के साथ बलात्कार का आरोप लगा है. 28 साल के संदिग्ध को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

बलात्कार की सूचना मिलते ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अस्पताल में बच्ची और उसके परिवार से मिलने पहुंची.

पुलिस के मुताबिक चालक ने वैन को सुनसान जगह पर रोककर बच्ची के साथ बलात्कार किया, घर पहुंचने पर बच्ची की तबियत देख जब परिजनों ने पूछा तो पूरी घटना का पता चला.

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इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि भारत प्रशासित कश्मीर के माछिल सेक्टर में 2010 में एक फ़र्ज़ी मुठभेड़ में तीन युवाओं की मौत के मामले में 5 सैन्यकर्मियों को मिली आजीवन कारावास की सज़ा को रद्द कर दिया गया है.

मुठभेड़ में मरने वाले युवाओं के परिवारों का कहना है कि ये न्याय का मज़ाक उड़ाना है. ये सज़ा सशस्त्र बलों के एक प्राधिकरण ने रद्द की है.

मृतकों शहज़ाद ख़ान (27), शफ़ी लोन (19) और रियाज़ (20) के परिवारों ने इस फ़ैसले के खिलाफ़ आत्मदाह की धमकी दी है. मंगलवार को प्राधिकरण ने कर्नल दिनेश पठानिया, कैप्टन उपेंद्र, हलवदार देवेंद्र कुमार, लांसनायक लखमी और लांस नाइक अरुण कुमार की सज़ा को रद्द कर दिया.

अख़बार के अनुसार शहज़ाद के भाई शौक़ अहमद ने कहा कि उनके भाई के हत्यारों को कैसे आज़ाद किया जा सकता है, ये न्याय का मज़ाक उड़ाना है.

हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट में निजता के मूलभूत अधिकार के सवाल पर सुनवाई में केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि निजता का अधिकार शर्तों के साथ मूलभूत अधिकार हो सकता है.

केंद्र सरकार ने इससे पहले कहा था कि संविधान में निजता के अधिकार की गारंटी नहीं दी गई है.

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने चीफ़ जस्टिस खेहर की अगुवाई वाली नौ जजों की बेंच को बताया कि सरकार ने अपने पक्ष में बदलाव किया है.

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वेणुगोपाल ने कहा, "ये सशर्त अधिकार है और अलग-अलग मामलों में इस पर फ़ैसला किया जा सकता है."

उन्होंने दलील दी कि संविधान निर्माताओं ने निजता को मूलभूत अधिकार के दायरे से जान-बूझकर बाहर रखा, लेकिन ये आर्टिकल 21 में दिए गए आज़ादी के अधिकार की तरह है इसलिए इसके हर पहलू को मूलभूत अधिकार के दायरे में नहीं लाया जा सकता है.

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AFP

हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है कि केंद्र सरकार ने गोल्ड बॉन्ड ख़रीदने की सीमा 500 ग्राम से बढ़ाकर चार किलो कर दी है.

भारतीय हिंदू परिवारों के लिए ये सीमा पांच सौ ग्राम थी, ट्रस्ट और उनके जैसी अन्य संस्थाओं के लिए ये सीमा 20 किलो थी.

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