चीनी राष्ट्रपति के तेवर आक्रामक, कहा-पीएलए युद्ध की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करे
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने देश के पड़ोसियों के साथ क्षेत्रीय विवादों के बीच देश की संप्रभुता की रक्षा करने और ‘सभी आक्रमणों’ को नाकाम करने के सेना के दृढ़ संकल्प का जिक्र करते हुए मंगलवारको कहा कि चीन कभी ‘आक्रामकता या विस्तार’ नहीं चाहेगा, लेकिन किसी को ‘अपने क्षेत्र को अलग’ करने […]
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने देश के पड़ोसियों के साथ क्षेत्रीय विवादों के बीच देश की संप्रभुता की रक्षा करने और ‘सभी आक्रमणों’ को नाकाम करने के सेना के दृढ़ संकल्प का जिक्र करते हुए मंगलवारको कहा कि चीन कभी ‘आक्रामकता या विस्तार’ नहीं चाहेगा, लेकिन किसी को ‘अपने क्षेत्र को अलग’ करने की अनुमति नहीं देगा.
शी ने कहा, ‘किसी को भी हमसे यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि हम अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों को नुकसान पहुंचानेवाले कड़वे फल को निगल जायेंगे.’ उल्लेखनीय है कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय बलों के बीच मध्य जून से गतिरोध जारी है. हालांकि, शी ने सिक्किम गतिरोध का प्रत्यक्ष जिक्र नहीं किया, लेकिन उन्होंने पीएलए से अपील की कि वह युद्ध की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करे, ताकि एक विशिष्ट एवं शक्तिशाली बल का गठन किया जाये जो हमेशा ‘युद्ध के लिए तैयार एवं सक्षम हो और जीतने को लेकर आश्वस्त हो.’ उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा एवं शांति की रक्षा और युद्ध से बचने के कई माध्यम एवं विकल्प हैं, लेकिन सैन्य माध्यम अंतिम गारंटी होने चाहिए.’
शी ने 23 लाख जवानोंवाली पीएलए की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि चीन ‘किसी भी व्यक्ति, संगठन या राजनीतिक दल को चीन के किसी भी हिस्से को देश से कभी भी, किसी भी रूप में अलग करने’ की इजाजत नहीं देगा. शी (64) ने ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल ‘ में आयोजित समारोह में कहा, ‘चीनी जनता शांतिप्रेमी है. हम कभी आक्रामकता दिखाने या अपने क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश नहीं, करते लेकिन हमें यह यकीन है कि हम हर किस्म के हमले को विफल कर सकते हैं.’ इस अवसर पर प्रधानमंत्री ली क्वांग, सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अन्य शीर्ष नेता और सैन्य अधिकारी मौजूद थे.
तीन दिन में यह दूसरी बार है, जब शी ने हमलों को विफल करने की पीएलए की क्षमताओं की बात की है. शी ने 30 जुलाई को पीएलए की एक बड़ी परेड के दौरान कहा था, ‘मेरा दृढ़ भरोसा है कि हमारी बहादुर सेना में सभी हमलावर दुश्मनों को हराने का यकीन एवं योग्यता है.’ उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय पर आयी है, जब यहां विदेश और रक्षा मंत्रालय आधिकारिक तौर पर बड़े मीडिया अभियान चलाकर आरोप लगा रहे हैं कि भारतीय सैनिकों ने डोकलाम में चीनी क्षेत्र में घुसपैठ की है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने 27-28 जुलाई को ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष यांग जीची के साथ अलग से वार्ता की थी. दोनों ही देशों ने इन वार्ताओं के नतीजे पर चुप्पी साधी हुई है. चीन के जापान, फिलीपीन और वियतनाम के साथ भी पूर्व एवं दक्षिण चीन सागरों में जलक्षेत्र को लेकर विवाद हैं.