जिसने बेटी के लिए बना दिया 3.2 अरब रुपये का थीम पार्क

टेक्सास में रहने वाले एक पिता ने महसूस किया कि वहां कोई थीम पार्क नहीं है जहां उनकी विकलांग बेटी खेल सके. इसलिए उन्होंने एक पार्क बनाने का फैसला लिया. गोर्डन हर्टमैन अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए हुए थे. जहां एक स्विमिंग पूल पर नहाते वक़्त उन्होंने देखा कि उनकी 12 साल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2017 8:52 AM

टेक्सास में रहने वाले एक पिता ने महसूस किया कि वहां कोई थीम पार्क नहीं है जहां उनकी विकलांग बेटी खेल सके. इसलिए उन्होंने एक पार्क बनाने का फैसला लिया.

गोर्डन हर्टमैन अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए हुए थे. जहां एक स्विमिंग पूल पर नहाते वक़्त उन्होंने देखा कि उनकी 12 साल की बेटी मॉर्गन के साथ दूसरे बच्चे खेल नहीं रहे.

उनकी बेटी बच्चों के साथ खेलने पहुंची तो वे सभी तुरंत पूल से निकलकर दूसरी ओर चले गए.

हर्टमैन ने सोचा कि बच्चे इसलिए उनकी बेटी से दूर चले गए क्योंकि उन्हें पता ही नहीं है कि किसी विकलांग से कैसे व्यवहार करते हैं.

मॉर्गन में ख़ुद में खोए रहने यानी ऑटिज़्म की बीमारी है और उनकी समझ पांच साल के बच्चे के बराबर है.

हर्टमैन कहते हैं, ”मॉर्गन एक अनोखी युवा महिला हैं. जब भी आप उनसे मिलेंगे आप मुस्कुरा देंगे और वह आपको गले लगाएंगी. लेकिन ऐसा कई बार हुआ है जब उन्हें कई जगहों पर नहीं ले जा सके.”

हर्टमैन और उनकी पत्नी मैगी दूसरे माता-पिता से ये सवाल पूछते हैं कि वे अपनी बेटी को कहां ले जा सकते हैं. जहां वह बेहतर महसूस करें और दूसरे लोग भी उनसे बात करके अच्छा महसूस करें.

उन्होंने कहा, ”हमें पता चला कि ऐसी कोई जगह है ही नहीं.”

इसलिए 2007 में उन्होंने ख़ुद ऐसी जगह बनाने का फ़ैसला लिया. पूर्व प्रॉपर्टी डेवलपर हर्टमैन ने अपने होमबिल्डिंग बिजनेस को 2005 में बेच दिया ताकि वह गोर्डन हर्टमैन फैमिली फाउंडेशन को बना सकें.

पहला अनुभव

यह एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है जो विकलांग लोगों की मदद करता है. इसके बाद उन्होंने दुनिया का पहला अल्ट्रा थीम पार्क बनाया.

हर्टमैन ने कहा, ”हम ऐसा थीम पार्क बनाना चाहते थे जहां कोई भी कुछ भी कर सके. जहां विकलांग और सामान्य दोनों तरह के लोग खेल सकें.”

उन्होंने डॉक्टरों, थेरपिस्ट, परिजनों और दूसरे लोग जो विकलांग थे, उनसे संपर्क किया और सुविधाओं को लेकर बातचीत की. यह पार्क टेक्सास के सैन एटॉनियो में 25 एकड़ ज़मीन पर बनाया गया है.

2010 में खोले गए थीम पार्क मॉर्गन्स वंडरलैंड की कीमत 34 मिलियन डॉलर (करीब 2.16 अरब रुपये) है. यहां फेरिस व्हील, अडवेंचर प्लेग्राउंड और मिनिएचर ट्रेन की सुविधा भी है.

वहां आने वाले लोग उन्हें लगातार बताते हैं कि ऐसा पहली बार है जब उन्हें इस तरह का अनुभव हो रहा है.

ख़ास झूला

थीम पार्क में एक खास तरह का झूला भी है जो रथ की तरह बनाया गया है. जिनमें अलग-अलग जानवर भी बने हैं. हालांकि हर्टमैन बताते हैं कि मॉर्गन शुरुआत में झूले पर बैठने से डरती थीं.

उन्होंने बताया, ”जब हमने थीम पार्क खोला तो वह इस पर आने में भी डरती थी. उन्हें यह समझ नहीं आता था कि आस-पास ये सब चीजें क्यों हो रही हैं और जानवर ऊपर-नीचे कैसे आ-जा रहे हैं.”

तीन साल पहले मॉर्गन ने झूले के पास जाना शुरू किया.

हर्टमैन बताते हैं, ”पहले वह इसके पास खड़ी होती थीं फिर धीरे-धीरे हमने उन्हें जानवरों पर बैठाना शुरू किया लेकिन झूले को चलाते नहीं थे. यह धीमी प्रक्रिया थी लेकिन अब वह इसे काफी पसंद करती हैं.”

फ्री एंट्री

मॉर्गन्स वंडरलैंड में शुरुआत से ही 67 देशों और अमरीका के सभी 50 राज्यों से करीब 10 लाख ज़्यादा पर्यटक आते हैं.

यहां एक तिहाई स्टाफ में विकलांगों को जगह दी गई है और सभी मेहमानों को शर्त के साथ मुफ़्त प्रवेश मिलता है.

हर्टमैन ने कहा, ”मुझे महसूस हुआ कि मॉर्गन उन भाग्यशाली लोगों में से एक हैं जिन्हें हर वो चीज मिली जो वह चाहती थीं. मैं नहीं चाहता था कि किसी भी विकलांग व्यक्ति के लिए कीमतें बाधा बन जाएं.”

उन्होंने बताया कि हर साल उन्हें एक मिलियन डॉलर (लगभग 6.3 करोड़ रुपये) से ज़्यादा का नुकसान होता है और इससे उबरने के लिए वे लोगों से फंड जुटाते है और पार्टनर भी बना रहे हैं.

इस साल थीम पार्क में मॉर्गन्स इंसपिरेशन आईलैंड नाम से एक वाटर पार्क भी शुरू किया गया है.

हर्टमैन कहते हैं, ”जुलाई में काफ़ी कम लोग पार्क में आ रहे थे क्योंकि कुर्सियां काफ़ी गर्म हो जाती थीं. इस वजह से हमने एक तरफ वाटर पार्क शुरू करने का फैसला लिया.”

इसके कुछ हिस्सों में गर्म पानी भी होता, जिसमें जोड़ों के दर्द की समस्या वाले लोगों को राहत मिलती है. इसके अलावा रिवर बोट राइड की सुविधा भी शुरू हुई है. वाटरपार्क को बनाने में 17 मिलियन डॉलर (लगभग 1.08 करोड़ रुपये) खर्च हुए.

पढ़ाई पर ध्यान

हर्टमैन के मुताबिक़, थीम पार्क में आने वाले चार में से तीन लोग विकलांग नहीं होते और यही इस पार्क को बनाने की उम्मीद को मज़बूत बनाता है.

उन्होंने कहा, ”इससे लोगों को महसूस होता है कि वो कुछ वजहों से अलग हैं लेकिन आखिरकार सब एक ही हैं. मैं अब बिना किसी भेदभाव के बच्चों को घुलते-मिलते देखता हूं.”

हर्टमैन ने आगे और कोई पार्क शुरू करने की योजना नहीं बना रहे. जबकि बड़ी संख्या में लोग उन्हें ईमेल और चिट्ठियां भेजकर अपने इलाके में ऐसा पार्क खोलने के लिए कहते हैं.

हालांकि इसके बजाय वह सैन एंटॉनियो में विकलांग बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं.

वह मॉर्गन को थीम पार्क में ले जाते हैं जहां वह बच्चों और अन्य लोगों के बीच सेलेब्रिटी की तरह हैं.

इरादे मजबूत

अब 23 साल की हो चुकीं मॉर्गन के इरादे लगातार मज़बूत हो रहे हैं.

हर्टमैन ने बताया कि अब वह ज़्यादा बात करती हैं और उनकी शारीरिक समस्याओं की सर्जरी की जा चुकी है.

अब वह थीम पार्क में खुश होकर घूमती हैं. झूले झूलती हैं और सैंड ज़ोन में भी वक़्त बिताती हैं. लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उन्होंने किस तरह बहुत से लोगों की मदद की है.

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