नेपाल में बाढ़ व भू-स्खलन से 36 लोगों की मौत, विराटनगर Airport जलमग्न, बंद किया गया

काठमांडू : नेपाल के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से आयी बाढ़ और भू-स्खलन के कारण कम से कम 36 लोगों की मौत हो गयी और 12 लापता हो गये हैं. गृह मंत्रालय के अनुसार दक्षिणी नेपाल के सुंसारी जिले में सात लोगों की मौत हुई है. सिंधुली जिले में चार, झापा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2017 10:56 AM

काठमांडू : नेपाल के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से आयी बाढ़ और भू-स्खलन के कारण कम से कम 36 लोगों की मौत हो गयी और 12 लापता हो गये हैं. गृह मंत्रालय के अनुसार दक्षिणी नेपाल के सुंसारी जिले में सात लोगों की मौत हुई है. सिंधुली जिले में चार, झापा में चार, बांके, मोरांग एवं पंच्छतर जिलों में तीन-तीन लोगों की मौत हो गयी तथा अन्य लोगों की मौत विभिन्न जिलों में हुई है. पूरे देश में बाढ़ और भू-स्खलन की घटना से सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गये हैं. इसी बीच नेपाल मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलायी गयी जिसमें प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा ने स्थानीय प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के आदेश दिये हैं.

नेपाल के गृह मंत्री जनार्दन शर्मा ने कहा कि सभी सुरक्षा एजेंसियां एकीकृत तरीके से राहत कार्य चलाने के लिए जुटेंगी. झापा, मोरांग सुंसारी, सप्तारी, सिराहा, सरलाही, रौताहत, बांके, बरदिया और डांग बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. मोरांग में सैकड़ों घर पानी में डूब गये हैं. विराटनगर हवाई अड्डे में बाढ़ का पानी घुसने के कारण उसे बंद कर दिया गया है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता दीपक काफ्ले ने कहा कि मोरांग जिले के सुंदर हरैंचा में बाढ़ से कम से कम तीन लापता हैं. उन्होंने कहा, सुंसारी में बाढ़में डूबे छह शवों को बाहर निकाला गया है, जबकि सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गये. विराटनगर हवाईअड्डे मेंं बाढ़ का पानी घुसने से उसे बंद कर दिया गया है. मंत्रालय के अनुसार सरकार ने नेपाल पुलिस, नेपाली सेना और सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) को बचाव अभियान और राहत कार्य में लगाया है.

लगातार हो रही बारिश से निचले तराई इलाके में भारी तबाही हुई है. पानी में फंसे हजारों लोगों को विस्थापित किया गया है. शुक्रवारकी रात से हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया गया है. संपत्ति, पशुधन, मवेशियों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. कई नदियों में पानी का स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. शनिवार को सप्तकोशी, कनकाई, बाबाई, राप्ती और मोहना जैसी प्रमुख नदियों की घाटियों में भी यही स्थिति है.

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