24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ग्राउंड रिपोर्ट: सिलीगुड़ी में फंसे हज़ारों यात्री, ट्रेनें रद्द, उड़ानें फुल

‘सड़कें पानी में डूबी हैं, ट्रेनें चार दिनों से बंद हैं और उड़ानों में अगले दो-तीन दिनों तक कोई जगह नहीं है. हम घर कैसे लौटें?’ यह सवाल है उत्तर बंगाल में आई भयावह बाढ़ के चलते दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में फंसे हजारों यात्रियों का. आमतौर पर 15 से 18 सौ के बीच बिकने […]

‘सड़कें पानी में डूबी हैं, ट्रेनें चार दिनों से बंद हैं और उड़ानों में अगले दो-तीन दिनों तक कोई जगह नहीं है. हम घर कैसे लौटें?’ यह सवाल है उत्तर बंगाल में आई भयावह बाढ़ के चलते दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में फंसे हजारों यात्रियों का.

आमतौर पर 15 से 18 सौ के बीच बिकने वाली फ़्लाइट की टिकटें अब 15 से 20 हजार के बीच बिक रही हैं. बावजूद इसके तमाम उड़ानें पूरी तरह बुक हैं.

राज्य में आई बाढ़ में उत्तर बंगाल के सात जिले पानी में डूब गए हैं. इससे कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच सड़क संपर्क तो कट ही गया है.

कई स्थानों पर रेलवे की पटरियों और स्टेशनों के पानी के नीचे होने की वजह से कोलकाता से सिलीगुड़ी और असम की ओर जाने वाली तमाम ट्रेनें गुरुवार को लगातार चौथे दिन भी रद्द हैं.

बीते तीन-चार दिनों से कुछ बसें झारखंड होकर कोलकाता के बीच जरूर चल रही थीं. लेकिन उनमें 19 से 20 घंटे यानी दोगुना समय लग रहा था.

बिहार के अररिया में बाढ़ का पानी भरने की वजह वह सेवा भी ठप हो गई है.

मुआवजे का लान

पूर्व रेलवे के मुख्य जनसपंर्क अधिकारी आरएन महापात्र कहते हैं, ‘अभी अगले दो-तीन दिनों तक कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच ट्रेनों का संचालन संभव नहीं है. पटरियों से पानी उतरने के बाद उनकी सुरक्षा जांच के बाद ही ट्रेनें चलाई जाएंगी.’

राज्य में आई इस ताजा बाढ़ की वजह से अब तक 33 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रह रहे हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बुधवार शाम फोन पर बातचीत कर उनको परिस्थिति की गंभीरता से अवगत कराया है.

इस बीच, लंबे वीकेंड की वजह से छुट्टियां मनाने उत्तर बंगाल गए हजारों पर्यटक भी बाढ़ में फंस गए हैं. अगले दो-तीन दिनों तक सिलीगुड़ी के बागडोगरा एयरपोर्ट से बाहर जाने वाली तमाम उड़ानें पूरी तरह बुक हैं.

बिहार ग्राउंड रिपोर्ट: जुगाड़ की नाव पर तैरती ज़िंदगी

‘हाथ छुड़ाकर मां को बहा ले गई बाढ़’

हर योजना फ़ेल

बुधवार को बागडोगरा से रवाना होने वाली 19 उड़ानों में से किसी में एक भी सीट खाली नहीं थी. रोजाना सैकड़ों लोग एयरपोर्ट से निराश लौट रहे हैं.

चार दिन पहले छुट्टी मनाने यहां पहुंचे बलाई मंडल कहते हैं, ‘हमें क्या पता था कि यहां पहुंचते ही इस प्राकृतिक आपदा में गिर जाएंगे? होटल का खर्च बढ़ने की वजह से हमारे पैसे तेजी से खत्म हो रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘ट्रेन में वापसी की टिकट थी. वह तो रद्द हो गई. अब समझ में नहीं आ रहा है कि घर कैसे पहुंचेंगे?’

कुछ पर्यटकों ने सिलीगुड़ी से गुवाहाटी जाकर वहां से कोलकाता की फ़्लाइट पकड़ने की योजना बनाई थी.

लेकिन कूचबिहार जिले में नेशनल हाइवे के पानी में डूब जाने की वजह से सड़क मार्ग से वहां तक पहुंचना असंभव हो गया है.

पर्यटन मंत्री गौतम देब कहते हैं, ‘हम परिस्थिति पर नजदीकी निगाह रख रहे हैं. लेकिन जब तक हालात नहीं सुधरते ट्रेनों या बसों का संचालन संभव नहीं है.’

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें