वाशिंगटन : अमेरिका ने उत्तर कोरिया को चेतावनी दी है कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और अगर उत्तर कोरिया उसके या उसके सहयोगियों के खिलाफ मिसाइल दागता है तो वह ‘तत्काल विशेष कदम’ उठायेगा. यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब कल ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख रणनीतिकार स्टीव बैनन ने कहा है कि उत्तर कोरिया की ओर से पेश खतरे और उसकी परमाणु संबंधी महत्वाकांक्षाओं का कोई सैन्य समाधान नहीं है. हालांकि ट्रंप ने हाल ही में संकल्प जताया था कि उत्तर कोरिया की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया जायेगा.
अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस, जापानी विदेश मंत्री तारो कोनो और जापान के रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनोडेरा के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में टिलरसन ने कहा कि देश उत्तर कोरिया की ओर से पैदा की जाने वाली किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि बल प्रयोग अमेरिका के लिए ‘प्राथमिक रास्ता’ नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हम तैयार हैं. हम सैन्य रूप से तैयार हैं. जरुरत पड़ने पर हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं. सैन्य प्रयोग हमारा प्राथमिक रास्ता नहीं है. यह भी स्पष्ट कर दिया गया है.’ अमेरिकी रक्षा मंत्री मैटिस ने कहा कि अगर अमेरिका या उसके सहयोगियों के खिलाफ मिसाइल दागी जाती है तो अमेरिका तत्काल ही कुछ विशिष्ट कदम उठायेगा.
उन्होंने कहा, ‘यदि जापान, गुआम, अमेरिका, दक्षिण कोरिया के क्षेत्र की ओर मिसाइल दागी जाती है तो हम उसे तत्काल मार गिराने के लिए कदम उठायेंगे.’ अमेरिका और जापान के बीच हुई वार्ता के बाद एक सवाल के जवाब में जापानी रक्षामंत्री ओनोडेरा ने कहा कि यदि जापान पर हमला होता है तो वह अपने पास मिसाइल से बचाव के लिए उपलब्ध संसाधन का इस्तेमाल करेगा.
टिलरसन ने कहा कि उत्तर कोरिया को बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए कूटनीतिक वार्ता में शामिल होना चाहिए. मैटिस ने कहा, ‘हमारा प्रयास यह है कि उत्तर कोरिया प्रशासन वार्ता में शामिल होने की इच्छा रखे. वह इस समझ के साथ वार्ता में शामिल होना चाहे कि ये वार्ताएं बीते दौर की वार्ताओं के निष्कर्षों से अलग निष्कर्ष पर पहुंचेंगी. कूटनीतिक तौर पर हम यह प्रयास सबसे अधिक प्राथमिकता के साथ जारी रखेंगे.’
ओनोडेरा के अनुसार, उत्तर कोरिया की योजना गुआम के पास के जलक्षेत्र में बैलिस्टिक मिसाइलें दागने की है. वह परमाणु हथियारों को छोटा करके आईसीबीएम बैलिस्टिक मिसाइलें दागने के प्रयास भी आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से मंडराने वाले खतरे को देखते हुए इस बैठक में हम दबाव बढ़ाने और गठबंधन की क्षमता को मजबूत करने पर राजी हुए.