तो यह संकट लेकर आ रहा है 21 अगस्त का सूर्यग्रहण…? ज्योतिषों ने दिये संकेत

वाशिंगटन/नयीदिल्ली : वर्ष 2017 कासबसेबड़ा,लंबा और चर्चित सूर्यग्रहण विश्व पर विनाशकारी युद्ध थोप सकता है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इस सूर्यग्रहण का अध्ययन करने की तैयारी करके बैठे हैं. अमेरिका के होटल और गेस्ट हाउस करीब-करीब फुल हैं. खगोलशास्त्री अपने-अपने दूरबीन के साथ तैयार हैं, तो अमेरिकी अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र नासा ने भी बड़े पैमाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2017 2:14 PM

वाशिंगटन/नयीदिल्ली : वर्ष 2017 कासबसेबड़ा,लंबा और चर्चित सूर्यग्रहण विश्व पर विनाशकारी युद्ध थोप सकता है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इस सूर्यग्रहण का अध्ययन करने की तैयारी करके बैठे हैं. अमेरिका के होटल और गेस्ट हाउस करीब-करीब फुल हैं. खगोलशास्त्री अपने-अपने दूरबीन के साथ तैयार हैं, तो अमेरिकी अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र नासा ने भी बड़े पैमाने पर इस सूर्यग्रहण का अध्ययन करने की तैयारी की है. वहीं, भारत में भी ज्योतिषी इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि पूर्ण सूर्यग्रहण के क्या प्रभाव होंगे.

ज्योतिषोंने अपनी गणना के आधार पर कहा है कि यह ग्रहण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सिंह लग्न की कुंडली में बैठे मंगल को प्रभावित कर उनको एक विनाशकारी युद्ध का निर्णय लेनेकेलिए प्रेरित कर सकता है. डोनाल्ड ट्रम्प के वृश्चिक राशि के चंद्र पर गोचर कर रहे वक्री शनि की दसवीं दृष्टि ग्रहण के बिंदु पर पड़ेगी. आगामी 27 अगस्त को मंगल भी गोचर करते हुए सिंह राशि में प्रवेश कर डोनाल्ड ट्रम्प के लग्न और ग्रहण के बिंदु को प्रभावित कर उनको उत्तेजना के आवेश में उत्तर कोरिया के विरुद्ध कोई सैन्य अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकता है.

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ज्योतिषशास्त्री सचिन मल्होत्रा ने एक हिंदी वेबपोर्टल को जो बताया, उसके मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प की कुंडली में इस समय गुरु की महादशा चल रही है, जो दूसरे घर में होकर मारकेश शनि से दृष्ट है. ऐसे में विवेक और नैतिकता के कारक ग्रह गुरु का अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प की कुंडली में शनि से पीड़ित होना उनके लिए एक अशुभ संकेत है. ऐसे में आशंका है कि अविवेकपूर्ण निर्णय के चलते डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका सहित समूचे दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को बड़े संकट में डाल सकते हैं.

ज्योतिषोंकी मानें, तो 21 अगस्तके सूर्यग्रहण से दुनिया के सभी देश प्रभावित होंगे. सबसे ज्यादाअसर अमेरिका पर दिखेगा, क्योंकि यह ग्रहण अमेरिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा, जबकि पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में यह खंडग्रास रूप में दिखेगा. ज्योतिषियों के मुताबिक, सिंह राशि में पड़नेवाले इस ग्रहण के प्रभाव से विश्व के शेयर बाजारों में मंदी का रुख आने के ज्योतिषीय संकेत भी मिल रहे हैं. ग्रहण के बाद सिंह राशि के पीड़ित होने से सोने के दामों में तेजी आयेगी.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि इससेपहले इतना बड़ा ग्रहण उत्तर-अमेरिका में 8 जून, 1918 को दिखा था. उस समय यह ग्रहण अमेरिका की सिंह लग्न की कुंडली के दशम भाव वृषभ राशि पर पड़ा था. वर्ष 1918 में प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अमेरिका महाशक्ति के रूप में उभरनेलगा था. वर्तमान में यह विश्व की महाशक्तियों से एक है.लेकिन, यह सूर्यग्रहण अमेरिका के लिए शुभनहीं है. इस ग्रहण से कुछ वर्षों में अमेरिका के पतन के प्रबल संकेत मिल रहे हैं.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि अमेरिका के 48 राज्यों में अंधेरा छा जायेगा. इस दिन सूर्य को चांद अपनी आगोश में ले लेगा और ओरेगॉन से साउथ कैरोलिना तक करीब 70 मील के दायरे में फैले राज्यों में सूर्यदेव अपनी रोशनी बिखेरना बंद कर देंगे. हालांकि, इसकी अवधि महज 2.40 मिनट (दो मिनट 40 सेकेंड) रहेगी.

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उधर, वैज्ञानिक बताते हैं कि हर साल चार-पांच सूर्यग्रहण होते हैं, जो आंशिक होते हैं. 18 महीने में एक बार पूर्ण सूर्यग्रहण होता है, लेकिन घनी आबादीवाले क्षेत्रों में ऐसा मौका दशकों में एक बार आता है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 1776 के बाद यह पहला मौका है, जब पूर्ण सूर्यग्रहण अमेरिका तक ही सीमित रहेगा.

कहां-कहां दिखेगा सूर्यग्रहण

इडाहो, व्योमिंग, नेब्रास्का, कंसास, मिसौरी, इलिनॉय, केंटकी, टेनेसी, जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना और साउथ कैरोलिना. इस क्षेत्र में 1.2 करोड़ लोग ही रहते हैं, लेकिन 22 करोड़ लोग हैं, जो एक दिन में यहां पहुंच सकते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि जब भी ऐसे मौके आते हैं, लोग दूर-दूर से यहां पहुंच जाते हैं. खगोलविद कहते हैं कि सौरमंडल की गतिविधियों में दिलचस्पी रखनेवाले लोग 100 फीसदी सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण देखना चाहते हैं. इसलिए उस जगह जाना पसंद करते हैं, जहां से पूर्ण सूर्यग्रहण का नजारा देखा जा सके. यदि आप 99 फीसदी सूर्यग्रहण देखते हैं, तो यह उसी तरह होगा जैसे आप बेसबॉल या फुटबॉल मैच देखने के लिए आपने टिकट कटा लिया, लेकिन स्टेडियम के अंदर नहीं गये.

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