दुनिया की सबसे तेज बुलेट ट्रेन चीन में 21 सितंबर से, साढ़े चार घंटे में 1250 किमी

बीजिंग : चीन 21 सितंबर से दुनिया की सबसे तेज बुलेट रेल को पटरियों पर दौडाएगा जो उसकी राजनयिक राजधानी बीजिंग को आर्थिक राजधानी शंघाई सेजोड़ेगी. करीब 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौडने वाली यह रेल इन दोनों शहरों के बीच की करीब 1,250 किलोमीटर की दूरी मात्र 4.5 घंटे में पूरा करेगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2017 7:36 PM

बीजिंग : चीन 21 सितंबर से दुनिया की सबसे तेज बुलेट रेल को पटरियों पर दौडाएगा जो उसकी राजनयिक राजधानी बीजिंग को आर्थिक राजधानी शंघाई सेजोड़ेगी. करीब 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौडने वाली यह रेल इन दोनों शहरों के बीच की करीब 1,250 किलोमीटर की दूरी मात्र 4.5 घंटे में पूरा करेगी.

भारत में इतनी दूरी जम्मू से भोपाल के बराबर है. अभी इन दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में छह घंटे का समय लगता है. नयी पीढ़ी की यह बुलेट रेल ‘फ्यूजिंग ‘ 21 सितंबर से परिचालन शुरू करेगी. यह 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौडेगी. चीन रेलवे कॉरपोरेशन का कहना है कि यह दुनिया की सबसे तेज गति से जाने वाली वाणिज्यिक बुलेट रेल होगी. चीन ने 350 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से चलने वाली अपनी पहली रेल की शुरुआत अगस्त 2008 में की थी जो बीजिंग से तियानजिन के बीच चलती है. हालांकि जुलाई 2011 में एक दुर्घटना के बाद इसकी गति को घटाकर 250 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया गया था.
इस दुर्घटना में योंगताइवेन रेलवे लाइन पर दो तेज गति से आती रेल टकरा गयी थीं. जिसमें 40 लोगों की मौत और 190 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. चीन की योजना आने वाले सालों में देशभर में ऐसी तीन और तेज गति वाली रेल लाइन बिछाने की है. सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ के मुताबिक फ्यूजिंग को पहली बार जून में प्रदशर्ति किया गया था और इसकी शीर्ष गति 400 किलोमीटर प्रति घंटा तक है.
60 हजार किलोमीटर के टेस्ट के बाद चीनी अधिकारियों ने इसे चलाने का आदेश दे दिया गया है. बताया जा रहा है कि यह पूरी तरह से चीन में निर्मित है. बता दें कि चीन के पास दुनिया की सबसे लंबी हाइ स्पीड- 22000 किमी लंबी ट्रैक है. दुनिया के 60 प्रतिशत हाइ स्पीड ट्रैक चीन के पास है. पुराने मॉडल के हाइस्पीड ट्रेन की तुलना में 21 सितंबर को चलने वाली ट्रेन की ऊर्जा की खपत भी 17 प्रतिशत कम है. ट्रेन के पास एक मॉनिटरिंग सिस्टम है. इसके माध्यम से आपातकालीन स्थिति में इसकी स्पीड कम की जा सकती है. जून के अंतिम तारीख में चीन के व्यस्तम इलाके में बीजींग और शंघाई में हाई स्पीड ट्रेन दौड़ी थी. इन ट्रेनों से करीब पांच लाख यात्री हर रोज यात्रा करते थे.

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