पटना: निर्वाचन आयुक्त एचएस ब्रह्ना ने बताया कि सुपौल व पूर्णिया के जिलाधिकारियों के खिलाफ आरोप सिद्ध होने के 48 घंटे के अंदर कार्रवाई होगी. भाजपा द्वारा शिकायत की गयी थी कि दोनों जिलों के जिलाधिकारी व आरा सदर डीएसपी द्वारा खास उम्मीदवार के पक्ष में काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आयोग की प्राथमिकता भयमुक्त व पारदर्शी तरीके से चुनाव कराना है. आयोग की टीम के साथ दो दिनों के बिहार दौरे पर आये श्री ब्रह्ना ने बताया कि राजनीतिक दलों की ओर से मिली शिकायत के बाद राज्य के सभी अधिकारियों से घोषणापत्र लिया जायेगा.
दलों की शिकायत है कि अधिकारियों के संबंधी विभिन्न दलों के उम्मीदवार हैं. ऐसे में निष्पक्ष चुनाव पर प्रश्नचिह्न् लगा है. आयोग ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह अपने स्तर से ऐसे सभी अधिकारियों से घोषणापत्र प्राप्त कर लें, ताकि शिकायत मिलने पर वैसे पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. श्री ब्रrा ने आयोग के निर्देशों का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से लेकर निचले स्तर तक सही तरह से प्रचारित-प्रसारित नहीं होने पर चिंता जतायी.
आयोग के सूचनाओं को जमीन तक नहीं पहुंचने का परिणाम है कि कई ऐसे निर्देशों का अनुपालन को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. जिलाधिकारी, जिला निर्वाचन पदाधिकारी व निर्वाची पदाधिकारी के ऑफिस में सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम बनाया गया है. अब किसी भी उम्मीदवार या मतदाता को अपने कार्यो के लिए दफ्तर का चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है.
विस अध्यक्ष के नक्सली सहयोग की जानकारी नहीं : विस अध्यक्ष व जमुई संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार को लेकर जब श्री ब्रह्ना से पूछा गया कि क्या आयोग को ऐसी सूचना है कि जदयू उम्मीदवार चुनाव में नक्सलियों से सहयोग ले रहे हैं. इस तरह की रिपोर्ट खुफिया विभाग की ओर से भेजी गयी है.
श्री ब्रह्ना ने चौंकते हुए पूछा कि यह रिपोर्ट कहां पर आयी है. आयोग को इस तरह के किसी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है. उन्होंने इस सवाल से पूरी तरह से अनभिज्ञता जाहिर की.
पर्यटन की गाड़ी पर घोषणा पत्र ढोने की जांच होगी
श्री ब्रह्ना ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जदयू के घोषणा पत्र पर्यटन विभाग की गाड़ी से पहुंचाया गया है, तो इस मामले की जांच करायी जायेगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इसकी जांच कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया. संवाददाता सम्मेलन में यह सवाल पूछा गया कि जदयू का घोषणा पत्र पर्यटन विभाग के वाहन से पहुंचाया गया है. मुख्यमंत्री खुद उस विभाग के मंत्री भी हैं. ऐसे में आयोग इस दिशा में क्या कोई कार्रवाई करेगा.
निर्वाचन आयुक्त डॉ नसीम जैदी ने कहा कि टाल और दियारा क्षेत्रों में बोगस मतदान पर सौ फीसदी रोक लगा दी जायेगी. सभी बूथों पर सेंट्रल पारा मिलिटरी फोर्स की टुकड़ी लगायी जायेगी. साथ ही माइक्रो आब्जर्वर, वेब कास्टिंग व वीडियो रेकॉर्डिग करायी जायेगी. इन क्षेत्रों में घुड़सवार दस्ता और नावों से पेट्रोलिंग कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है. नामांकन में उम्मीदवारों को दिये गये प्रपत्र के सभी कॉलम को भरना अनिवार्य है. अगर उम्मीदवार कोई कॉलम, खासकर जो लागू नहीं होता है, उसे नहीं भरते हैं, तो नामांकन पत्र रद्द होने की संभावना है. ऐसे में शपथ पत्र के सभी कॉलमों को भरना अनिवार्य है. आयोग ने नक्सली संगठनों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने दें. उन्होंने देश की जनता से अपील की कि चुनाव के संबंध में कोई भी शिकायत हो, तो सीधे आयोग के टॉल फ्री नंबर 1950 पर डायल कर जानकारी लें. उन्होंने बताया कि मतदाताओं को वोटर स्लिप पहुंचाया जायेगा. अगर कोई व्यक्ति या संगठन वोटर स्लिप बीएलओ से गलत तरीके से प्राप्त करता है, तो उसे सजा व फाइन दोनों सजा मिलेगी. देश के आठ संसदीय क्षेत्रों में जिसमें पटना साहिब भी शामिल है, वहां पर वोटर वेरिफिकेशन पैड मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. इसमें मतदाता मतदान करेगा, तो सात सेकेंड तक उसके द्वारा किये गये संबंधित प्रत्याशी व उसके चुनाव चिह्न् का प्रदर्शन स्क्रीन पर होगा. साथ ही एक परची निकलेगी, जिसे बॉक्स में सील किया जायेगा. यह कदम इवीएम से पारदर्शी मतदान के लिए उठाया गया है.