युद्ध की तैयारी में जुटे चीन की नौसेना का हिंद महासागर में लाइव फायर ड्रिल

बीजिंग: चीन की नौसेना ने समुद्र में लड़ने की अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए हिंद महासागर में लाइव फायर ड्रिल की. चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने शुक्रवार को एक खबर में कहा कि चीन के युद्धपोत चांगचुन, मार्गदर्शक मिसाइल फ्रिगेट जिंगझोउ और आपूर्ति पोत चाओहू ने पश्चिमी हिंद महासागर में अभ्यास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2017 11:59 PM

बीजिंग: चीन की नौसेना ने समुद्र में लड़ने की अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए हिंद महासागर में लाइव फायर ड्रिल की. चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने शुक्रवार को एक खबर में कहा कि चीन के युद्धपोत चांगचुन, मार्गदर्शक मिसाइल फ्रिगेट जिंगझोउ और आपूर्ति पोत चाओहू ने पश्चिमी हिंद महासागर में अभ्यास किया. बेड़े ने कई दिनों तक चले अभ्यास के दौरान ‘दुश्मन’ के जहाजों पर हमले किये. चीनी बेड़े के चीफ ऑफ स्टाफ चेन देनन ने कहा कि अभ्यास का मकसद लड़ाई की वास्तविक परिस्थितियों में जहाजों के प्रदर्शन को बेहतर बनाना है.

खबर के मुताबिक, चीन का बेड़ा एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ओशिनिया की अर्द्धवार्षिक मैत्री यात्रा पर है और उसने 23 अप्रैल को यात्रा शुरू होने के बाद से 10 देशों की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास किया है. सिक्किम के डोकलाम में भारत के साथ गतिरोध के बाद से चीन, तिब्बत में कई बार लाइव फायर अभ्यास करके अपनी सैन्य क्षमताओं को दिखा रहा है.

ज्ञात हो डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के बीच जारी तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है. चीन लगातार भारत को धमकी दे रहा और युद्ध की तैयारी में जुटा है. वह भारत की तैयारियों से भी बेहद घबराया हुआ है. चीन ने अपनी समुद्री मारक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए यह ड्रिल की है. इससे पहले भारत डोकलाम विवाद को बातचीत से सुलझाने की वकालत कर चुका है, लेकिन चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है. लिहाजा चीन से निपटने के लिए भारत ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. भारत हिंद महासागर में चुपचाप अपनी ताकत बढ़ा रहा है. इसी के तहत पहली बार बांग्लादेश भारत की मदद से समुद्र में सैन्य अभ्यास की शुरुआत करेगा. भारतीय नौसेना ‘संबंध’ कैंपेन की शुरुआत कर रही है. इसके तहत भारत कई छोटे देशों को अपने साथ लाने की तैयारी में है. इसमें बांग्लादेश, केन्या, ओमान, तंजानिया, मलयेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे कई देश शामिल हैं. इसके तहत इन छोटे देशों के नौसेना के जवान भी भारत के आइएनएस विक्रमादित्य, आइएनएस कालवेरी जैसे विमानपोत पर भी ट्रेनिंग ले सकेंगे. भारत भी इन देशों के नौसेनाओं की मदद ले सकेगा.

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