इस्लामाबादः अमेरिका जानता है कि अफगानिस्तान के तालिबानी नेता पाकिस्तान के क्वेटा और पेशावर शहर में रह रहे हैं. अफगानिस्तान में अमेरिका के शीर्ष कमांडर ने यह बात कही है. अफगनिस्तान की स्थिति के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराये जाने की इस्लामाबाद द्वारा की जा रही आलोचना के बीच इस शीर्ष अधिकारी का बयान आया है. अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों एवं नाटो के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने कहा कि आतंकी पनाहगाहों के मुद्दे पर अमेरिकी तथा पाकिस्तानी सरकार के बीच अप्रकट रूप से बातचीत हुई, लेकिन इस पर बातचीत की जाने की आवश्यकता है.
इसे भी पढ़ेंः चीन में अफगान-तालिबानी नेताओं के बीच गुप्त बैठक
टोलो न्यूज ऑफ अफगानिस्तान ने निकोलसन के हवाले से कहा कि आतंकवादियों तथा विद्रोहियों के समर्थकों में कमी लाने तथा उन्हें खत्म किए जाने की आवश्यकता है. जनरल निकोलसन ने कहा कि मेरी प्राथमिकता अफगानिस्तान के भीतर विद्यमान गतिविधियां हैं, लेकिन अन्य अधिकारी पाकिस्तान में मौजूद पनाहगाहों के मुद्दें पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्वेटा शूरा (विशेषज्ञों की परिषद), पेशावर शूरा, (इन शूराओं की पहचान पाकिस्तानी शहरों के तौर पर की जाती है), हमें पता है कि अफगानिस्तान के तालिबानी नेता इन इलाकों में मौजूद हैं.
यही बयान अमेरिका के पिछले रुख से एकदम उलट है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका के हस्तक्षेप को समाप्त करने, 16 साल के इस संघर्ष से अमेरिकी नागरिकों तथा अरबों डॉलर का नुकसान होने की बात कही थी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पाकिस्तान पर ‘आतंकवाद फैलाने’ वालों को सुरक्षित पनाह देने का आरोप लगाते हुए उसपर हमला बोला था. इस बीच जनरल निकोलसन के इस बयान की इस्लामाबाद में कड़ी आलोचना की गयी, जो पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति की इस्लामाबाद को आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह देने पर चेतावनी देने से नाराज था.
पाकिस्तान के गृहमंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि तालिबान, अफगानिस्तान का इस्तेमाल पाकिस्तान के भीतर एवं बाहर अपने अभियानों को अंजाम देने के लिए कर रहा है. उन्होंने कहा कि तालिबान को पाकिस्तान में छुपने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 40 फीसदी से अधिक अफगानिस्तान पर उसका कब्जा है.
इकबाल ने समाचार पत्र ‘डाॅन’ से कहा कि अगर अफगानिस्तान की इतनी जमीन एवं संसाधनों पर उसका कब्जा है, तो इसका मतलब है कि उसे वहां या पाकिस्तान में पनाहगाह की आवश्यकता नहीं है. डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान पर की टिप्पणी के बाद अपना वाशिंगटन दौरा रद्द करने वाले विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में अपनी 16 साल की असफलता का आरोप पाकिस्तान पर लगाने से बचना चाहिए.