वाशिंगटन : अमेरिकी रक्षामंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि अमेरिका आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने की इच्छा रखता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी जिम्मेदार देश ऐसा करना चाहेगा. आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान पर निशाना साधने के बाद से दोनों देशों के बीच के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं.
मैटिस ने गुरुवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, ‘हम आतंकियों को मार गिराने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहते हैं. मेरा मानना है कि कोई भी जिम्मेदार देश ऐसा ही करता है.’ ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में कांग्रेस से कहा था कि उसने इस्लामाबाद को 25.50 करोड डॉलर की मदद इस शर्त पर दी है कि वह इस मदद का इस्तेमाल तभी कर सकता है जब वह आतंकी संगठनों के खिलाफ और अधिक कार्रवाई करे.
ये भी पढ़ें… अमेरिका ने पाक को दी 25.5 करोड़ डॉलर की सशर्त सहायता, कहा-आतंकवाद पर लगाये रोक
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, मंत्रालय (विदेश) इन निधियों के व्यय और उन्हें किसी खास तरह के विदेशी सैन्य वित्तपोषण (एफएमएफ) विक्रय अनुबंधों के लिए आवंटित करने पर विराम लगा रहा है. अमेरिका ने यह फैसला लिया है क्योंकि उसके पास दो विकल्प थे- पहला यह पैसा पाकिस्तान को उपलब्ध कराना और दूसरा इस्तेमाल नहीं हुए धन को वापस राजकोष विभाग को लौटा देना. अधिकारी ने बताया, हमारी नयी दक्षिण एशिया नीति के अनुकूल, इस फैसले के जरिए हम पाकिस्तान में परियोजनाओं के लिए नये सुरक्षा संबंधी संसाधनों का वादा करने से पहले उसके (पाकिस्तान) साथ हमारे सहयोग के स्तर की लगातार समीक्षा करने के लिए लचीला रुख अपना सकते हैं.’
ये भी पढ़ें… पाकिस्तान ने अमेरिका को दिखायी आंख, कहा, सम्मान के साथ आये पेश
विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने 22 अगस्त को कहा था, पाकिस्तान को अलग नजरिया अपनाना चाहिए, और आंतकी संगठनों से लड़ने में मदद करने के लिए हम उनके साथ काम करने के लिए तैयार हैं. हम पाकिस्तान को दी जाने वाली हमारी सहायता और हमारे संबंधों के लिए शर्त रखेंगे कि वह इस क्षेत्र में नतीजे दर्शाएं. वॉल स्टरीट जर्नल के मुताबिक, इन निधियों को रोकना उन कार्रवाइयों की शृंखला में पहला कदम हो सकता है जिसके बारे में टिलरसन और अन्य अधिकारियों ने पिछले हफ्ते संकेत दिए थे.
ये भी पढ़ें… आतंक के पोषक पाकिस्तान को अब सबक सिखायेगा अमेरिका
फाइनेंशियल डेली के अनुसार, पाकिस्तान पर सख्ती करने के लिए कुछ और कदम भी उठाये जा सकते हैं जिसमें पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों को प्रतिबंधित करना और अमेरिकी ड्रोन हमलों को बढ़ाने के साथ ही अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली सहायता राशि में और ज्यादा कटौती करना शामिल हो सकता है.