यंगून: म्यांमार में सैन्य कार्रवाई में करीब एक सप्ताह में लगभग 400 रोहिंग्या विद्रोहियों की मौत हो गयी. संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के अनुसार, लगभग 27,400 रोहिंग्या मुसलमान सीमा पार कर बंगलादेश में दाखिल हो गये हैं. इसके एक सप्ताह पहले रोहिंग्या लड़ाकों ने राखिने प्रांत में पुलिस चौकियों और एक सैन्य अड्डे पर हमला कर दिया, जिससे राज्य में हिंसा शुरू हो गयी थी. वहां की सेना ने कहा है कि विद्रोहियों का सफाया करने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है.
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म्यांमार ने को बताया कि सेना की कार्रवाई करते हुए करीब 400 रोहिंग्या विद्रोही मारे गये हैं. हिंसा में सुरक्षा बल के 13 जवान, दो सरकारी अधिकारियों और 14 नागरिकों की भी मौत हुई है. राखिने प्रांत की राजधानी सितवे में 2012 में हुए सांप्रदायिक दंगों में लगभग 200 लोगों की मौत हो गयी थी और करीब 1,40,000 लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था, जिनमें ज्यादातर रोहिंग्या मुस्लिम थे.
म्यांमार के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल न्यू लाइट ने कहा कि लगभग 150 से ज्यादा रोहिंग्या हमलावरों ने गुरुवार को हिंदू बहुल गांवों के पास सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था. इस दौरान 700 से अधिक निवासियों को वहां से निकाला गया है. इसके अनुसार, 13 वर्ष के किशोर सहित चार हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सुरक्षा बलों ने मौंगदा पुलिस चौकी के पास दो व्यक्तियों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया है.
संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के अनुसार, म्यांमार से भागने की कोशिश कर रहे लगभग 20 हजार रोहिंग्या सीमा पर फंस गये हैं. क्षेत्रीय कमांडर लेफ्टिनेंट अरिफुल इस्लाम ने रायटर को बताया कि बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने 11 बच्चों सहित 15 रोहिंग्या मुसलमानों के शवों को शुक्रवार को नदी में बहते हुए पाया. इसके साथ ही, नदी में डूबकर मरने वाले रोहिंग्या मुसलमानों की कुल संख्या 40 पर पहुंच गयी है.