बॉर्डर, ग़दर, दामिनी, हीरो और घायल. समाजिक और देशभक्ति पर बनी कई फ़िल्मों के ज़रिए फ़ैंस के दिलों में जगह बना चुके सनी देओल राजनीति में नहीं आना चाहते हैं.
बीबीसी से रूबरू हुए सनी देओल से जब पूछा गया कि क्या वो कभी राजनीति में कदम रखेंगे? इसके जवाब में सनी देओल ने कहा, ‘मैं नहीं जाऊंगा. नेताओं की राजनीति तो हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री की राजनीति से भी बुरी है.’
35 साल के करियर में सनी देओल की छवि हमेशा से ही दमदार ताक़तवर हीरो की रही है. सनी देओल का मानना है कि ऐसी छवि से कभी भी नुकसान नहीं होता है पर सिर्फ़ फ़ायदा मिलता है. सनी आगे कहते हैं, ‘मेरी फ़िल्में और किरदार से ये छवि बनी है और आज भी लोग उसे देखना पसंद करते है."
हैंडपंप उखाड़ने वाला सीन
‘ग़दर- एक प्रेम कहानी’ फ़िल्म के हैंड पंप उखाड़ने वाले सीन के लिए सनी को आज भी याद किया जाता है. सनी देओल उस सीन को सही और चमत्कारी दृश्य मानते हैं. उनके मुताबिक, कोई बेबस इंसान जब ऐसी परिस्थिति में आ जाता है तो उसमें चमत्कार होने की क्षमता होती है.
ऐसा ही कुछ दृश्य फ़िल्म ‘ज़िद्दी’ में था, जब सनी देओल के फ़िल्मी किरदार ने बहन के बलात्कारी का हाथ शरीर से अलग कर दिया था.
सनी देओल ने साफ़ किया कि उनके क़िरदार ऐसा करते हैं पर लोग अक्सर उनके नाम से ऐसे दृश्यों को जोड़ देते हैं.
सनी के बेटे की फ़िल्मों में एंट्री
60 साल के सनी देओल का बेटा करण देओल अब फ़िल्मों में कदम रखने जा रहा है.
उन्होंने साफ़ किया कि वो अपने बेटे को फ़िल्म इंडस्ट्री में ग्रैंड लॉन्च देंगे और बतौर पिता जितनी उसकी मदद कर सकते हैं, करेंगे.
वो कहते हैं, ‘मैंने जब फ़िल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तब मैं बिल्कुल भी डरा हुआ नहीं था. उस दौरान जिस तरह की फ़िल्में बन रही थीं और जिस तरह की फ़िल्में मैं कर रहा था वो बहुत अलग थीं. करण अभिनेता बनना चाहता है. वो भी सारी प्रक्रिया से गुज़रेगा.’
सनी देओल अपने भाई बॉबी देओल और श्रेयस तलपड़े के साथ नसबंदी पर बनी फ़िल्म "पोस्टर बॉयज़" में नज़र आएंगे. फ़िल्म 8 सितम्बर को रिलीज़ होगी.
मेरी नसबंदी तो कुदरत भी नहीं कर सकी: धर्मेंद्र
मैं राजनीति के लिए नहीं बना- सनी देओल
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)