यंगून/संयुक्त राष्ट्र : म्यांमार में 25 अगस्त से फैली हिंसा ने वीभत्स रूप ले लिया है. रोहिंग्या मुसलमान और सुरक्षाबलों के बीच हुए संघर्ष में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गये हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक सैटलाइट तस्वीर जारी की है, जिसमें बताया गया है कि पिछले छह हफ्ते में रोहिंग्या मुसलमानों के 1,200 घरों को तोड़ दिया गया. 700 घरों को आग के हवाले कर दिया गया है. हिंसा से बचकर भागे चश्मदीदों ने बताया कि पश्चिमी राखीन राज्य में बार्म की सेना और पैरामिलिटरी फोर्स बच्चों को गोली मार दे रही है. चश्मदीद अब्दुल रहमान ने बताया कि मेरे भाई को मार दिया गया. सैनिकों ने उसे समूह के साथ जिंदा जला दिया.
इस बीच, म्यामांर से सटी बांग्लादेश की सीमा के निकट कोक्स बाजार स्थित अस्पताल में कई रोहिंग्या शरणार्थियों को घायल अवस्था में भर्ती कराया गया है, जिनको गोलियां लगी हैं और हड्डियां टूटी हुई हैं. सभी घायल म्यांमार के पश्चिमी हिस्से से भागकर यहां पहुंचे हैं. डॉक्टर शाहीन अब्दुर रहमान चौधरी ने बताया कि 27 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ये लोग काफी डरे हुए थे. बताया कि 26-27 अगस्त को म्यांमार के सैनिकों ने उनके गांव में गोलीबारी की थी.
म्यांमार: सैनिकों की कार्रवाई में आयी तेजी, करीब 400 रोहिंग्या विद्रोहियों की मौत
इधर, सोमवार को संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 25 अगस्त के बाद म्यांमार से करीब 90,000 शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे हैं. इनमें ज्यादातर रोहिंग्या हैं. संघर्ष के बाद से हजारों मुस्लिम अल्पसंख्यक म्यांमार से भाग कर सीमा पर पहुंच गये हैं. करीब 20,000 लोग बांग्लादेश एवं म्यांमार के पश्चिमी प्रांत राखीन की सीमा पर पहुंचे हैं. बांग्लादेश में घुसने के इंतजार में हैं. करीब पांच सौ हिंदू भी कॉक्स बाजार पहुंचे हैं.
बांग्लादेश ने सीमा पर बढ़ायी पाबंदियां
म्यांमार में दस दिन पहले शुरू हुई नये दौर की हिंसा के बाद बांग्लादेश अपनी सीमा पर पाबंदियां बढ़ा दी है. सुरक्षा बलों ने म्यांमार से भागकर बांग्लादेश के सेंट मार्टिना द्वीप पर पहुंचे 2,000 से अधिक शरणार्थियों को भगा दिया.
बीबीसी बर्मा ने म्यांमार टीवी से तोड़ी संधि
मुस्लिम रोहिंग्या समुदाय की कवरेज को लेकर हुए विवाद के बीच बीबीसी बर्मा ने लोकप्रिय म्यांमार टीवी (एमएनटीवी) के साथ प्रसारण संधि को तोड़ दी है. एमएनटीवी पर अप्रैल, 2014 के बाद से बीबीसी बर्मीज एक दैनिक समाचार कार्यक्रम प्रसारित करता रहा है. इस कार्यक्रम को रोजाना 37 लाख दर्शक देखते हैं. बीबीसी ने कहा कि एमएनटीवी ने इस साल मार्च के बाद से कई कार्यक्रमों को रोका है या उन्हें सेंसर किया है. इसलिए वह उसके साथ अपनी संधि खत्म कर रहा है.
सू की से कार्रवाई का इंतजार कर रही दुनिया
पाकिस्तानी कार्यकर्ता व नोबेल विजेता मलाला यूसुफजई ने शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सांग सू की से म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की निंदा करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि इस हिंसा की सू की द्वारा निंदा किये जाने का विश्व इंतजार कर रहा है. हमने म्यांमार के सुरक्षा बलों द्वारा छोटे बच्चों की हत्या किये जाने की तस्वीरें देखी. केवल इन बच्चों पर हमला ही नहीं किया गया, बल्कि उनके घरों को भी जला दिया गया. यदि म्यांमार उनका घर नहीं है, तो वे इतनी पीढ़ियों से कहां रह रहे थे.