बोगोटाः कोलंबिया की सरकार और देश के आखिरी सक्रिय गुरिल्ला समूह ईएलएन ने आज संघर्षविराम की घोषणा की, जो लातिन अमेरिका के सबसे लंबे गृह युद्ध को खत्म करते हुए ‘पूर्ण शांति’ स्थापित करने की ओर एक कदम है. कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुएल सांतोस और नेशनल लिबरेशन आर्मी (ईएलएन) के वार्ताकारों ने पोप फ्रांसिस की कोलंबिया यात्रा से दो दिन पहले संघर्ष विराम की घोषणा की.
ईएलएन के मुख्य वार्ताकार पाब्लो बेलत्रान ने कहा कि उनकी सेना का संघर्ष विराम ‘पोप की यात्रा का पहला चमत्कार है.’ इससे पहले पिछले महीने कोलंबिया के सबसे बड़े विद्रोही समूह एफएआरसी ने हथियार छोड़ने की बात कही थी. सांतोस ने कहा, ‘यह अच्छी खबर है जिससे अर्जेंटीना मूल के पोप खुश होंगे.’ सांतोस ने टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा कि संघर्ष विराम के तहत ईएलएन द्वारा अपहरणों, नागरिक आबादी के खिलाफ तेल पाइपलाइनों और अन्य केंद्रों पर हमले खत्म होंगे.
सरकार ने कैदी बनाए गए ईएलएन सदस्यों के लिए स्थितियों में सुधार करने और संघर्षरत इलाके में हमलों से सिविल नेताओं की रक्षा करने का वादा किया. 1500 लड़ाकों वाली ईएलएन फरवरी से ही सरकार के साथ बातचीत कर रही थी. सांतोस ने कहा, ‘यह एक अक्तूबर से शुरुआत में 102 दिनों के लिए लागू होगा यानी कि अगले साल 12 जनवरी तक.’ इससे पहले ईएलएन प्रतिनिधिमंडल ने ट्विटर पर समझौते की घोषणा की थी.
पोप फ्रांसिस का छह सितंबर से 10 सितंबर तक कोलंबिया की यात्रा करने का कार्यक्रम है. वार्ता में शामिल रहे दोनों प्रतिनिधिमंडल ने क्वीटो में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोलंबिया सरकार, ईएलएन, संयुक्त राष्ट्र और कैथोलिक चर्च संयुक्त रूप से संघर्षविराम का पूरी तरह से पालन होने की निगरानी करेंगे. बेलत्रान ने कहा, ‘यह हमारे लिए चुनौती है कि इस संघर्षविराम में जिन सभी आयामों पर सहमति जताई गयी है उन्हें पूरा किया जा सकें. हम इस पर खरे उतरने की उम्मीद करते हैं.’