ने प्यी ता : भारत और म्यांमार ने बुधवार को विभिन्न क्षेत्रों में 11 सहमति ज्ञापनों (एमओयू) पर दस्तखत किये. इनमें एक समझौता सामुद्रिक क्षेत्र की सुरक्षा से संबंधित है. माना जा रहा है कि इन समझौतों से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हो सकेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और म्यांमार की स्टेट काउंसिलर आंग सान सू की के बीच व्यापक महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. मोदी और आंग सान सू की के बीच यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात थी. मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और आतंकवाद पर चर्चा हुई. हालांकि, इस दौरान मोदी ने रोहिंग्या मुसलमानों का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन चरमपंथियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान निकाला जायेगा.
प्रधानमंत्री मोदी के म्यांमार दौरै से पहले यह अटकलें लगायी जा रही थी कि रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा आंग सान सू की से मुलाकात के दौरान उठ सकता है. म्यांमार से जहां लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को पलायन होने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है, वहीं भारत सरकार भी इन्हें अवैध प्रवासी बताते हुए वापस भेजने की योजना बना रही है.
भारत और म्यांमार ने सामुद्रिक क्षेत्र की सुरक्षा में सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं. दोनों पक्षों ने व्हाइट शिपिंग सूचनाओं को साझा करने के लिए भी करार किया है. यह वाणिज्यिक गैर सैन्य मर्चेंट जहाजों की पहचान के बारे में अग्रिम में सूचना देने से संबंधित है. इस करार से गैर वगीकृत मर्चेंट नेवी जहाजों या कार्गो जहाजों के बारे में डेटा देने के कामकाज में सुधार होगा. इन 11 में से एक एमओयू चुनाव आयोग और म्यांमार के राष्ट्रीय स्तर के चुनाव आयोग यूनियन इलेक्शन के बीच भी किया गया है.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 2017 से 2020 के दौरान दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए भी एमओयू किया गया है. भारत और म्यांमार ने भारतीय प्रेस परिषद तथा म्यांमांरप्रेस काउंसिल के बीच सहयोग के लिए भी करार किया है. साथ ही आइटी कौशल को बढ़ाने के लिए भारत-म्यांमार केंद्र की स्थापना के बारे में करार को विस्तार दिया गया है. दोनों देशों ने चिकित्सा उत्पाद नियमन तथा स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र में भी सहयोग के लिए करार पर दस्तखत किये हैं. साथ ही म्यांमार के यामेथिन में महिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के उन्नयन के लिए सहयोग को भी करार किया गया है.
मोदी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में यहां पहुंचे हैं. इससे पहले उन्होंने चीन के शहर श्यामन में वार्षिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था. मोदी ने अपनी चीन यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शिन जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन तथा दुनिया के अन्य नेताओं के साथ बातचीत की थी. यह मोदी की म्यांमार की पहली द्विपक्षीय यात्रा है. इससे पहले वह 2014 में आसियन-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने यहां आये थे. सू की पिछले साल भारत यात्रा पर गयी थीं. म्यांमार भी भारत के रणनीतिक पड़ोसी देशों में आता है. इसकी 1,640 किलोमीटर की लंबी सीमा भारत के कई पूर्वोत्तर राज्यों से लगती है.